कवर्धा l जिस उद्देश्य को लेकर हमने जैन समाज पंडरिया का ट्रस्ट बनाने के लिये न्यायिक लड़ाई लड़ी है,
अब शासन के हस्तक्षेप के बाद ट्रस्ट बनाने का कार्य शुरू हुआ है, समाज में चल-अचल संपत्ति के अनियमितता का आरोप है,
लाखो रुपये की नगद राशि (30-35 लाख रुपये) का व दान में मिली करोड़ो के अचल संपत्ति का निष्पछतापूर्वक व्यवस्थित होना आवश्यक है नये व्यवथापको के साथ शासन से ही ज्यादा उम्मीद है कि चल-अचल संपत्ति व्यवस्थित हो,नगद रकम बैंक में जमा हो, दान में मिली सभी सम्पत्तियां ट्रस्ट के नाम रजिस्टर्ड होकर दानदातावो के मंशानुरूप समाज के हित में उपयोग हो,
ऐसा नही होने पर शासन व
न्यायिक विकल्प खुला है।
उक्त जानकारी आशीष जैन समाजसेवी
जैन समाज,पंडरिया l