राजीव गांधी किसान न्याय योजना : कबीरधाम जिले के किसानों के खाते में अंतिम क़िस्त अंतरित हुई 46 करोड़ 28 लाख 91 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि
अब तक कबीरधाम जिले के 80 हजार 576 किसानों के खाते में अंतरित हुई 224 करोड 62 लाख 579 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि
कवर्धा । 25 मार्च 2021। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत कबीरधाम जिले के 80 हजार 576 किसानों को अंतिम किश्त के रूप में 46 करोड़ 28 लाख 91 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि उनके खातों में अंतरित की गई। इस प्रकार अब तक जिले के सभी पंजीकृत किसानों को 224 करोड 62 लाख 579 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का अंतरण किया जा चुका है। इसके अलावा जिले के 22 हजार 497 गन्ना उत्पादक किसानों को एक मुस्त राशि 49 करोड़ 57 लाख रूपए का भुगतान पहले किया जा चुका है। होली त्यौहार से ठीक पहले किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलने से किसानों के चेहरे में खुशहाली देखी जा रही है। कबीरधाम जिले के बाजार में खरीददारी भी बढ़ी है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा सांसद राहुल गांधी की वर्चुअल उपस्थिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश के 18 लाख 43 हजार किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त के रूप में एक हजार 104 करोड़ 27 लाख रूपए की राशि का अंतरण किसानों के खाते में किया गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलने से जिले के किसानो में हर्ष व्याप्त है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रारंभ की गई देश में यह अपनी तरह की पहली योजना है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने, उन्हें उपज का सही दाम दिलाने के उद्देश्य से आदान सहायता के रूप में दी जा रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की
पुण्यतिथि 21 मई 2020 से प्रदेश के प्रमुख फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से किसानों को कृषि आदान सहायता प्रोत्साहन राशि प्रदाय करने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की गई है। योजना अंतर्गत खरीफ मौसम में धान के साथ-साथ 13 अन्य फसलों मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना का उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना, कृषको के शुद्ध आय में वृद्धि करने के साथ ही कृषको को कृषि में अधिक निवेश हेतु प्रोत्साहित करना है। इस योजना अंतर्गत खरीफ फसलों में धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, रामतील, कोदो, रागी एवं रबी फसल में गन्ना को सम्मिलित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत कृषको द्वारा उपरोक्त फसलो के बोये गये रकबा के आधार पर लाभ प्राप्त करने हेतु घोषणा पत्र के साथ विभागीय पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। अनुदान ग्रहिता कृषक यदि गतवर्ष धान की फसल लगाया था एवं इस वर्ष धान के स्थान पर योजनान्तर्गत शामिल अन्य फसल लगाता है तो उस स्थिति में कृषक को अतिरिक्त सहायता अनुदान राशि 10000 रुपए प्रति एकड़ देय होगी। अनुदान सहायता राशि का निर्धारण मंत्री मण्डलीय समिति द्वारा प्रतिवर्ष प्रत्येक फसल हेतु किया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत लगने वाले आवश्यक दस्तावेज निर्धारित प्रपत्र-1 में जानकारी, आवश्यक अभिलेख, घोषणा पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित समय-सीमा में पंजीयन कराने की आवश्यकता होती है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं पटवारी द्वारा पंजीकृत रकबे का गिरदावरी कर सत्यापन किया जाता है। इस योजना में कृषको के पंजीयन की वैधता उसी वित्तीय वर्ष के लिए होती है जिस वित्तीय वर्ष के लिए संबंधित किसान ने आवेदन किया है। इस योजनांतर्गत शामिल फसलों के लिए निर्धारित राशि प्रति एकड़ 10000 रुपया की दर से अनुदान सहायता राशि किश्तों में कृषकों के खाते में डी बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क कर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराकर सेवा सहकारी समिति में पंजीयन कराया जा सकता है।