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रोजगार गारंटी योजना से बने कूप ने समेलाल और उसके परिवार के लिए खोला आमदनी का नया जरिया

लाॅकडाउन के दौरान कुआं निर्माण से मिला रोजगार का अवसर और सिंचाई का साधन भी

कवर्धा l 22 दिसम्बर 2020। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से बने सिचाई कूप के द्वारा समेलाल और उसके परिवार के लिए रोजगार के नए द्वार खुल गए है।  कूएं में उपलब्ध पानी से पेयजल समस्या की समस्या का समाधान तो हो ही रहा है और साथ ही साथ बाड़ी में साग – सब्जी लगाने के भी काम आ रहा है। पानी के आभाव में पहले समेलाल को बहुत परेशानिया हुआ करती थी ।अपने छोटे से बाड़ी में साग – सब्जी नाम मात्र का ही हो पाता था जिससे थोड़ी बहुत घर कि ही जरूरते होती थी। लेकिन अब विभिन्न प्रकार के हरी भरी सब्जियों से समेलाल की बाड़ी गुलजार हो रही है। बात हो रही है जिले के वनांचल ग्राम पंचायत सरईपतेरा कि जो की विकासखण्ड बोड़ला क्षेत्र में  है। समेलाल पिता कंवल  महात्मा गांधी नरेगा योजना में पंजीकृत होकर कार्य करते रहे है। रोजी मजूरी ही काम का एक प्रमुख जरिया रहा है,लेकिन अपने आस-पास के क्षेत्रों में कुंआ बना देख समेलाल ने भी अपने बाड़ी में कुआं बनाना निश्चित किया, लेकिन पैसे का आभाव उनके इस काम में सबसे बड़ा रुकावट था। इनकी परेशानी का हल महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सिंचाई कूप निर्माण कार्य स्वीकृति के रूप में छुपा था जिसे ग्राम पंचायत सरईपतेरा ने पूरा किया।
ग्राम रोजगार सहायक थानु सिंह पंचेश्वर बताते है की वित्त वर्ष 2019-20 में 2. लाख 32 लाख रुपए कि लागत से समेलाल के नाम से सिंचाई कूप निर्माण का कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजना से स्वीकृत हुआ। उल्लेखनीय रहा की वैश्विक महामारी कोरोना के लिए लगाये गए लाॅकडाउन के दौरान समेलाल के साथ अन्य 19 परिवारो को रोजगार का अवसर माह मई 2020 मे मिला। 25 दिन चले सिंचाई कूप निर्माण में कुल 67,830 रूपये का मजदूरी भुगतान पंजीकृत श्रमिकों को प्राप्त हुआ  तथा 1,29,920 रूपये का सामग्री भुगतान का किया गया। इस कार्य में कुल 357 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ जिसमें 6270 रूपये का मजदूरी राशि समेलाल और उनकी पत्नी को प्राप्त हुआ।
          
सिंचाई के लिए कुआं बनाने की समस्या का समाधान किया रोजगार गारंटी योजना नेःसावन बाई
सावन बाई पति समेलाल बात करते हुए खुसी जाहिर करते हुए बताती है की रोजगार गारंटी योजना से कोरोना महामारी के दौरान अपने घर में कुआं बनाने का काम पूरा हो गया। इसके लिए कहीं बाहर निकलने कि जरूरत नहीं पड़ी और लाॅकडाउन अवधि के दौरान ही कुआं का पूरा निर्माण  हो गया और साथ में मिला 6270 रूपये की मजदूरी । सावन बाई आगे कहती है कि भारतीय स्टेट बैंक रेंगाखारकला में हमारा मजदूरी का पैसा जमा हुआ। 10 मीटर गहरा कुआं हमने बनाया है जिसमें 3 मीटर पर ही अब पानी उपलब्ध है जिसे निकलने के लिए हम ने अपने से आधा एच.पी. का पम्प लगा लिया है और इस पानी से अपनी बाड़ी की सिंचाई कर रहें है। मिर्ची, गोभी, आलू, टमाटर, भटा, धनिया, मेथी जैसे सब्जीयां लगाकर अपने घर कि जरूरतें पूरी कर रहे है लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा रेंगाखारकला के बाजार में हर सोमवार सब्जियां बेचकर 700-1000 रुपए कि आमदनी कमा रहें है। अपने 1.5 एकड़ के जमीन में पूरे जगह पर सब्जियां लगाये है जो की पहले पानी के आभाव में कभी नहीं हुआ था। सावन बाई आगे बताती है कि गये साल तक तो हमारा बाड़ी ऐसे ही पड़ा रहता था। एकात सब्जी लगाते थे जिसकी सिंचाई के लिए भी पानी बाहर से लाने की व्यवस्था करनी पड़ती थी। लेकिन इस साल से हम अपने जमीन पर पूर्ण सुविधा के साथ सब्जियां लगा कर अपने घर की जरूरतें तो पूरी कर रहें है साथ ही बाजार में बेचकर आमदनी कमाने का सिलसिला शुरू हो गया है। अभी तो  सब्जियां कम उत्पादन हो रही है तो भी हर हफते 700 -1000 रूपया कमा रहें है आने वाले महिने से जब    सब्जियां का उत्पादन बढ़ेगा तब हमारी आमदनी और भी बढ़ जायेगी।
          
रोजगार एवं आजीविका मुखी परिसंपत्तियों का निर्माण ही महात्मा गांधी नरेगा योजना का मूल उद्देश्य
सिंचाई कूप निर्माण की सार्थकता पर चर्चा करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम विजय दयाराम के. बताते है कि जिले के वनांचल क्षेत्रो में यह ग्रामीणों के लिए बहुत मददगार सिद्ध हुआ है। कूप निर्माण से जहां हितग्राही को सीधे घर में सिंचाई का साधन उपलब्ध होकर इसके निमार्ण कार्य से आर्थिक लाभ होता है तो वहीं दूसरी ओर कुएं में उपलब्ध पानी खेती किसानी के काम को आगे बढ़ाता है। श्री विजय दयाराम के. ने आगे बताया कि रोजगार एवं आजीविका मुखी परिसंपत्तियों का निर्माण ही महात्मा गांधी नरेगा योजना का मूल उद्देश्य है जिसे समेलाल के कूप निर्माण कार्य के रूप में देखा जा सकता है। लाॅकडाउन के दौरान घर में मिला रोजगार, उसकी मजदूरी राशि और पेयजल के साथ खेती किसानी के लिए मिली सुविधा समेलाल के जीवन में महात्मा गांधी नरेगा योजना से हुए बदलाव को दिखाता है की किस तरह जिले के दूरस्थ अंचलों में शासकीय योजना से ग्रामीण सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहें है।।

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