Breaking News

08 अक्टूबर को मनाया जायेगा विश्व दृष्टि दिवस विश्व दृष्टि दिवस इस बार ‘पहले दृष्टि, फिर सृष्टि‘ थीम पर

बेमेतरा । 06 अक्टूबर 2020-राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम जिला बेमेतरा अंतर्गत प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के द्वितीय गुरूवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष 08 अक्टूबर 2020 को ‘पहले दृष्टि, फिर सृष्टि‘ थीम पर आधारित विश्व दृष्टि दिवस कार्यक्रम मनाया जाना है। इसका उद्देश्य जन सामान्य को दृष्टि की सुरक्षा, दृष्टिहीनता के कारण, इसके बचाव तथा उपचार के विषय में जानकारी देना है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ सतीश शर्मा के मार्गदर्शन में नोडल अधिकारी (अंधत्व) डाॅ. समता रंगारी ने बताया कि लगभग 25 प्रतिशत व्यक्ति दृष्टिदोष से पीड़ित है, जिसे चश्में से ठीक किया जा सकता है। 16 वर्ष से कम आयु के लगभग 0.8 प्रति हजार बच्चे दृष्टिहीनता से पीड़ित है। प्रति हजार में 400 व्यक्ति मोंतियाबिंद से पीड़ित है। 75 प्रतिशत नेत्रहीनता समय पर सही ध्यान देने से बचाया जा सकता है।

प्रत्येक छः माह में अपने आंखों की जांच नेत्र विशेषज्ञ से अवश्य करावें। प्रति दिन सुबह उठकर एवं रात को सोते समय आॅख एवं आॅख के चारो ओर की त्वचा को साफ पानी से धोयें। आॅखों और चेहरे को साफ करने के लिए साफ और अपना अलग तौलिया इस्तेमाल करें। धूप और बहुत तेज रोशनी से आॅखों को बचायें। अच्छें किस्म के चश्में/गागल्स का उपयोग करें। आॅखों को दुर्घटना से बचायें जैसेः-आतिशबाजी, तीर कमान, गिल्ली डंडा खेलते समय सावधानी बरतें। आॅखों में कुछ गिर जाये तो आॅख को मलिये नहीं एवं साफ पानी से आॅख धोकर बाहरी कण को बाहर निकाल दें। पुस्तक को आॅखों से 1 से डेढ़ फीट की दूरी पर रखकर पढ़ें। चलती बस में या लेटे हुए या बहुत कम प्रकाश में कभी भी न पढ़े। इससे आॅखो पर जोर पड़ता है, पर्याप्त प्रकाश में पढ़े।

रतौंधी से बचने के लिए हरे पत्तेदार सब्जी, गाजर, पपीता, आम, कद्दू, शकरकंद, दूध, मछली एवं अण्डे आदि आहार के साथ लेवें। शिशु को 09 माह से 05 वर्ष तक प्रत्येक 06 माह के अंतराल से विटामिन ए का घोल पिलाये अर्थात कुल 09 बार विटामिन ए की खुराक दें। आॅखो का इलाज स्वयं ना करे तथा नीम हकीमों से न करायें तुरंत इलाज अथवा सलाह के लिए निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल जायें। बच्चों/छात्रों में दृष्टिहीनता मुख्यतः दृष्टिदोष के कारण होती है। आंखो को स्वस्थ्य रखने के लिए प्रतिदिन हरी घास पर खाली पांव चलें। समय से पहले (07 माह) जन्म लेने वाले बच्चे का नेत्र परीक्षण कराना अति आवश्यक है, क्योकि इनमें रेटिनोपेथी होने की संभावना रहती है। 40 वर्ष एवं अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को वर्ष में एक बार नेत्र परीक्षण कराना चाहिये। 40 वर्ष केे बाद नजदीक सेे पढ़ने-लिखने के लिए चश्में की आवश्यकता होती है, साथ ही ब्लड प्रेषर एवं ब्लड शुगर की जांच कराना चाहिये। जिन लोगों को नजदीक के चश्में का नबंर बार-बार बदलता है या फिर सामने की वस्तु साफ दिखायी देती है, परंतु अगल-बगल की वस्तु साफ दिखायी नहीं देती है या आंखों में अचानक दर्द होता है तो उन्हें ग्लाॅकोमा (काला मोतियाबिन्द) होने की संभावना रहती है। मोतियाबिन्द से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर आॅपरेशन कराने से ठीक किया जा सकता है। अत्यधिक मोबाईल का उपयोग तथा तीव्र प्रकाश एवं असुरक्षित बल्ब के कारण आॅखो में दर्द, चुभन, लाल होना, आंसू, दृष्टि में धुधलापल और सूजन की समस्या होती है, अतः सावधानी बरतें।



About newscg9

newscg9

Check Also

कलेक्टर महोबे ने एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय के बच्चों से चर्चा करते हुए विद्यालय में बच्चों के उपलब्ध सुविधाओं और समस्याओं के बारे में जानकारी ली एवं निरीक्षण किये

कलेक्टर ने कक्षाओं, छात्रावास कक्ष, शिक्षकों के संयुक्त बैठक व्यवस्था और लाईब्रेरी का भी अवलोकन …