कवर्धा l 05 जनवरी 2021। छत्तीसगढ़ के दाऊ वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर ने प्रदेश के एकमात्र मात्स्यिकी महाविद्यालय, कवर्धा द्वारा गोद लिये गांव बरहट्ठी (सेवईकछार) तथा गौठान बोड़तरा का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी योजनाओं को मात्स्यिकी महाविद्यालय में सफलतापूर्वक पालन किया जा रहा है। उन्होंने ने यह भी कहा कि गौठानों में गांव के कृषक सीधे तौर पर जुड़कर गौठानों से वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ मछली पालन, परेवा पालन एवं हरा चारे की खेती कर ऐसे छोटे-छोटे व्यवसाय से कृषकों एवं पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिकारियों की कार्य की सराहना की।
डॉ. के.के. चौधरी, अधिष्ठाता, मात्स्यिकी महाविद्यालय ने बताया कि कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर मार्गदर्शन में गोद लिए गांव एवं गौठानों, महाविद्यालय द्वारा गौठान में वर्मी काम्पोस्ट के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मछली पालन का भी कार्य कर अपनी आमदनी बढ़ा सकती है। डॉ. चौधरी ने यह भी बताया की इस प्रकार गोद लिये गांव बरहट्टी एवं संवईकछार के भी मत्स्य पालक, मछली पालन के प्रति जागरूकता लाएं जिसके लिए महाविद्यालय हर तरह से सहायता करने को तैयार है।
गांव गोद लिये स्कीम के प्रभारी डॉ. निरजंन सारंग ने बताया की हमारा मुख्य उद्देश्य मछली पालन के वैज्ञानिक तरीके को समूह तक पहुंचाने एवं गौठान को अजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना है। भ्रमण के दौरान गोद लिये गांव बरहट्टी के सरपंच राजकुमार मेरावी, भुतपूर्व सरपंच गणेशु पटेल, गौठान के अध्यक्ष, चमेली जलेश्वर, सचिव, मंजू निर्मलकर, ने अपनी भागीदारी का उल्लेख किया। इस गौठान पर मात्स्यिकी महाविद्यालय के सभी सहायक प्राध्यापक डॉ. पवीत्र बारिक, डॉ. जितेन्द्र कुमार जाखड़, डॉ. बी.आर. होन्नानन्दा एवं डॉ. कमलेश पण्डा उपस्थित थे।
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