रोका-छेका के अवसर पर जिले के ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्यक्रमों का होगा आयोजन
19 जून से रोका-छेका की व्यवस्था जिले में होगी लागू
कवर्धा |18 जून 2020। छत्तीसगढ़ राज्य को देश में धान का कटोरा कहा जाता है प्रदेश में खरीफ फसलों में धान की बोआनी सर्वाधिक होती है। फसलों को चराई से बचाने के लिए रोका-छेका की परम्परा रहीं है इसी क्रम में कबीरधाम जिले के सभी ग्रामों में रोका-छेका का आयोजन किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार इस अवसर पर सभी ग्रामों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग, पशुपालन विभाग एवं मत्सय विभाग द्वारा मिलकर विभिन्न सामग्रायों का वितरण कर रोका-छेका को प्रारंभ करेंगे। जिले में निर्मित गौठानों में कृषि विभाग द्वारा 250 पैकेट मिनी कीट का वितरण किया जायेगा, 114 कि्ंवटल धान बीज एवं 750 कि्ंवटल रागी बीज का वितरण चयनीत ग्रामीणो को किया जायेगा। इसी तरह रोका-छेका के अवसर पर पशुपालन विभाग द्वारा गौठानों में पशुओ का टीकाकरण, बधीयाकरण, आवश्यकता अनुसार कृत्रिम गर्भ धारण, कृमिकरण के साथ विभागीय येजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को शिविर के माध्यम से दिया जायेगा। मत्स्य पालन विभाग द्वारा जाल, आइस बॉक्स एवं मछली बीज जैसे चीजों का वितरण कर ग्रामीणों को लाभान्वित करेंगे।
ग्रामीणों की भागीदारी से सफल होगा रोका-छेका :- कलेक्टर कबीरधाम
कलेक्टर कबीरधाम रमेश कुमार शर्मा ने बताया की छत्तीसगढ़ शाशन के दिशा निर्देश अनुसार ज़िले में कार्यक्रम होगा। ग्रामीणों को सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना से लाभ के बारे में बताया जाएगा। गौठान प्रबंधन समिति की बैठक सभी जगह होगा जिसमे गौठान के साथ ग्रामीण विकास पर चर्चा होगी। रोका छेका में सभी की भागीदारी से खरीब फसलो को मिले वाले लाभ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ग्रामीण आपस मे चर्चा करेंगे, जिसमे विभाग के मैदानी अमले शासन द्वारा चलाये जा रहे योजना की जानकारी देने शामिल होंगे।
गौठान बन जाने से ग्रामीणों को रोका छेका में मिलेगी मदद :-सीईओ ज़िला पंचायत
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम विजय दयाराम के. ने जानकारी देते हुए बताया कि पारम्परिक कार्यक्रम रोका-छेका का आयोजन जिले के सभी गांव में किया जा रहा है। इस अवसर पर ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं की जानकारी दिया जायेगा। जिले में निर्मित गौठानों से ग्रामीणों को बहुत लाभ होगा क्योंकि पशुओं को चराने के लिए कही ले जाने की आवश्यकता नही है। गौठान में ही चारा, पानी, छाया के साथ विभागों की सुविधाएं गौठान में हमेशा उपलब्ध रहती हैं। यही कारण है की जानकारी का प्रसार करने बहुत से कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव हेतु सोशल डिस्टेंस के साथ मास्क लगाकर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये गए है। जिले के बोड़ला, कवर्धा, पंडरिया एवं स.लोहारा अंतर्गत आने वाले सभी नवीन गौठानों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा गौठानों में वृक्षारोपण किया जायेगा ग्राम गौठान समिति की बैठक आयोजित कर ग्रामीणों से शासकीय योजनाओं पर चर्चा, गौठानों में चारे की व्यवस्था हेतु पैरा एकत्रिकरण पर चर्चा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना बिहान अंतर्गत महिला स्वसहायता समूह द्वारा गौठानों में बनाये गये उत्पादनों का प्रदर्शन एवं उसका विक्रय किया जायेगा। कार्यक्रम आयोजित करने का मृख्य उदेश्य रोका-छेका की परम्परा को सफल बनाते हुए खरिफ के फसलों को चराई से बचाना है, इस हेतु ग्रामीणों को जागरूक करना है। सभी गांव के साथ-साथ प्रमुख गौठानों में शिविरों का आयोजन होगा। ज्ञात हो कि कबीरधाम जिले में प्रथम चरण पर 74 गौठान बनाये गए है जिसमें बोड़ला अंतर्गत 23, कवर्धा अंतर्गत 17, पंडरिया अंतर्गत 19 एवं स.लोहारा अंतर्गत 15 गौठान शामिल है तथा दूसरे चरण में 152 निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है।
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