नई दिल्ली. पिछले दो तीन दिनों को छोड़ दें, तो देश में भीषण गर्मी का प्रकोप है. भीषण गर्मी के कारण कई चीजों पर असर पड़ा है. हीटवेव के कारण लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सबको एक ही चीज का इंतजार रहता है, वह है मॉनसून. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हालांकि पहले ही यह बता दिया है कि इस बार देश में समय से पहले मॉनसून आ जाएगा. आईएमडी मुंबई डिवीजन के प्रमुख जयंत सरकार ने बताया है कि इस बार 27 मई को ही केरल में मॉनसून दस्तक दे देगा. आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल तट पर पहुंचता है. पिछले साल 3 जून के आसपास केरल में मॉनसून ने दस्तक दी थी, लेकिन इस साल इसके जल्दी आने की संभावना है.
पांच दिनों तक कोंकण क्षेत्र में बारिश
जयंत सरकार ने बताया कि मौसमी मॉनसूनी वर्षा के इस बार सामान्य रहने की संभवना है. उन्होंने बताया कि इस बार 99 प्रतिशत वर्षा होगी जबकि केरल में 27 मई को मॉनसून का आगमन होगा. इसके बाद 5 दिनों तक कोंकण और गोवा क्षेत्र में हल्की बारिश की संभावा है जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में भी छिटपुट हल्की बारिश होगी. आईएमडी के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून अरब सागर में समय से कुछ पहले आ जाएगा. अगले 48 घंटे में दक्षिण पश्चिम अरब सागर के कुछ इलाके, मालदीव, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी इलाके और उत्तरी इलाके में मॉनसून के आने की संभावना है. वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि अगले पांच दिनों तक हीटवेव की कोई आशंका नहीं है. यानी लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी और तापमान में कोई खास बढोतरी नहीं होगी.
17 साल मॉनसून का पूर्वानुमान सच
इस बीच मौसम विभाग ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, असम, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा के छिटपुट इलाकों में भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है. इधर उत्तराखंड, विदर्भ और हरियाणा में ओले गिरने की आशंका भी व्यक्त की गई है. बिहार के सीवान और मुजफ्फरपुर में बारिश की संभावना व्यक्त की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि इस बार भारत में 2022 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है. यानी पूरे देश में वर्षा का एक समान वितरण होने का अनुमान है. हालांकि उत्तरी, दक्षिणी और उत्तर पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में बारिश के कम होने के आसार हैं. आईएमडी ने कहा है कि पिछले 17 वर्षों में एक साल को छोड़ दें तो केरल में मॉनसून के आगमन का पूर्वानुमान सच साबित हुआ है. सिर्फ 2015 में मौसम विभाग का पूर्वानुमान सच साबित नहीं हुआ था.