कलेक्टर ने समिति से खाद का उठाव, जल जीवन मिशन और कस्टम मिलिंग के कार्यों में तेजी नहीं पर अप्रसन्नता व्यक्त की
कलेक्टर ने जिले में स्वीकृत जलजीवन मिशन के कार्यों में प्रगति नहीं होने पर भी पीएचई विभाग पर कड़ी नाराजगी जताई।
कवर्धा, 23 मई 2022। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आज यहां समय सीमा की बैठक में आगामी खरीफ सीजन 2022-23 की तैयारियों जिले में खाद् की उपलब्धता एवं समिति द्वारा किसानों से खाद का उठाव सहित राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। कलेक्टर शर्मा ने कहा कि मानसून दस्तक से पहले जिले में उपलब्ध खाद का समिति में भण्डारण एवं समिति से किसानों द्वारा उठाव होने जाने चाहिए। कलेक्टर ने जिला विपणन अधिकारी से जिले के तीन गोदामों में खाद की उपलब्धता एवं सीसीबी नोडल से जिले के 90 समिति में खाद का भण्डारण एवं उठाव की स्थिति की पूरी जानकारी ली। कलेक्टर ने समितिवार खाद का भण्डारण की तुलना में किसानों से उठाव संतोषप्रद नहीं होने पर नोडल अधिकारी के कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त की। बैठक में अपर कलेक्टर बीएस उइके, डीएफओ चुरामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सर्व एसडीएम व डिप्टी कलेक्टर व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
जिला विपणन अधिकारी टिकेन्द्र राठौर ने बताया कि जिले के कवर्धा, पंडरिया और सहसपुर लोहारा के गोदामों में खरीफ सीजन के लिए 885 मेट्रिक टन खाद उपलब्ध हैं, जिसमें यूरिया 390 मेट्रिक टन, सुपर फास्फेट 29 मेट्रिक टन, डीएपी 447 मेट्रिक टन और पोटाश 79 मेट्रिक टन है। इसके अलावा जिले के 90 समितियों में किसानो के लिए 13 हजार 50 मेट्रिक टन का भण्डारण किया गया हैं, जिसमें 7217 मेट्रिक टन यूरिया, 3362 मेट्रिक टन सुपर फास्फेट, 1691 मेट्रिक टन डीएपी, 16 मेट्रिक टन एनपीके तथा 764 मेट्रिक टन पोटास है। जिला नोडल अधिकारी आरपी मिश्रा ने बताया कि अब तक जिले के 90 समितियों के माध्यम से किसानों द्वारा 11 हजार मेट्रिक टन खाद का उठाव हो चुका है। कलेक्टर शर्मा ने समिति में भण्डारण की तुलना में उठाव कम होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होने गोधन न्याय योजना के तहत निर्मित वर्मी कंपोस्ट का उठाव में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि मृदा की सेहद तथा उत्पादक क्षमता बनाए रखने के लिए गोबर से निर्मित वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग अधिक से अधिक किया जाना चाहिए।
कलेक्टर ने जिले में स्वीकृत जलजीवन मिशन के कार्यों में प्रगति नहीं होने पर भी पीएचई विभाग पर कड़ी नाराजगी जताई।
कलेक्टर ने जिले में स्वीकृत जलजीवन मिशन के कार्यों में प्रगति नहीं होने पर भी पीएचई विभाग पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होने कहा कि इस योजना के तहत ग्रामों में पेयजल आपूर्ति कराना शासन की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होने इस योजना के तहत स्वीकृत कार्यों, टेण्डर,डीपीआर और वर्कआर्डर की प्रगति की जानकारी ली तथा कार्यों में तेजी लाने के कड़े निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने जिला खाद् अधिकारी तथा विपणन अधिकारी से जिले के संग्रहण केन्द्रों से कंस्टम मीलिंग के लिए धान के डीओ जारी, धान के उठाव और उठाए गए धान की तुलना में नान और एफसीआई में चावल जमा की पूरी जानकारी ली। पिछले बीस दिनों के भीतर राईसमिलर्स के द्वारा चावल जमा नहीं करने पर कलेक्टर ने नराजगी जताई। उन्होने कहा कि धान के कंस्टम मीलिंग में तेजी लाए और नान तथा एफसीआई के गोदामों में चावल का भण्डारण सुनिश्चित करें।
जिले के 700 आंगनबाड़ी केन्द्रो में बच्चों के लिए लागाई जाएगी पंखा एवं बिजली आपूर्ति
कलेक्टर शर्मा ने समय सीमा की बैठक में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा सोशल मीडिया में प्रकाशित,प्रसारित पॉजेटिव, व निगेटिव समाचार कतरनों की भी समीक्षा की। उन्होने जिले के लगभग सात सौ आंगनबाड़ी भवनों में बच्चों की सुविधा एवं उन्हे राहत पहुंचाने के लिए पंखा लगाने एवं विद्युतिकरण करने के लिए संबंधित विभाग व जिला पंचायत को निर्देशित किया है। कलेक्टर ने पंडरिया के जंगलापुर में नलजल योजना के तहत मोटर पंम्प संचालन के लिए ग्राम स्तर पर आवश्यक व्यवस्था बनाने के लिए जनपद सीईओ को निर्देशित किया है। कलेक्टर ने बैठक में राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना, गौधन न्याय योजना, गौठान संचालन, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री धनवंतरी योजना, वनोपज सहित तेन्दूपत्ता तोड़ाई, सहित राज्य शासन प्राप्त दिशा-निर्देशों के संबंध में विस्तार से समीक्षा की एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।