मनरेगा कर्मचारियों के परिवार बिना वेतन के होली कैसे मनाएंगे
कबीरधाम जिला मुख्यालय में मनरेगा कर्मचारियों में रोष व्यप्त हैं, इस हेतु दिनांक 14/03/2022 को छत्तीसगढ़ के समस्त 28 जिला मुख्यालय सहित जिला में मनरेगा कर्मचारी द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया
प्रदेश के हजारों मनरेगा कर्मचारियों को भूपेश सरकार ने अपने 4थे बजट में भी अनदेखा कर किया निराश| इसी प्रकार सदन में माननीय सदस्यों के प्रश्नों पर माननीय मुख्यमंत्री का जवाब संतोष जनक नहीं कहा जा सकता, विगत 3 वर्षों में मनरेगा कर्मचारियों का संख्यात्मक जानकारी नहीं जुटा पाना, गठित समिति की बैठक 3 वर्ष में मात्र एक बार होना, महाधिवक्ता से विगत 3 वर्षों में अभिमत नहीं आना मनरेगा कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रति एक साजिस प्रतीत होता है| भूपेश सरकार के इस कार्यवाही से छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ में काफी निराश और आक्रोशित हैं। मनरेगाकर्मियों के अपने नियमितीकरण सहित रोजगार सहायकों के वेतनमान निर्धारित कर 1966 अधिनियम लागू करने की मांगों के लिए जमीन-आसमान एक कर आगामी समय में अनिश्चित आन्दोलन को उग्र करेगा। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी संघ के लिए यह बजट धोखा का बजट है क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री एवं श्री टी.एस. सिंहदेव एवं अन्य कांग्रेस वरिष्ठ जनप्रतिनिधि संघर्ष के दिनों में मंच में आये और उनकी सरकार बनाने पर हमें 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया| वादे के अनुरूप हमारी मांगों को कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने को स्थान दिया| चुनाव के दौरान नियमितीकरण की मांग को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाये थे| माननीय मुख्यमंत्री ने दिनांक 14.02.2019 को मंच से पुनः इस वर्ष किसानों के लिए, आगामी वर्ष कर्मचारियों के लिए बात कही| अद्यतन 3 वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत भी सरकार द्वारा नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं की जा रही है| साथ ही साथ विगत 04-05 माह का समस्त मनरेगाकर्मियों के वेतन अप्राप्त हैं। जिससे मनरेगाकर्मियों में काफी आक्रोश व्याप्त हैं। जिस कारण छत्तीसगढ़ राज्य के 28 जिला सहित ज़िला कबीरधाम के मनरेगा कर्मचारी द्वारा दिनांक 14/03/2022 को एक दिवसीय जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन करते हुए रैली निकालकर मुख्यमंत्री जी नाम कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सोंपा गया। सरकार हमारी मांगो को त्वरिता से पूर्ण नहीं करती हैं तो समस्त मनरेगा कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल के लिए बाध्य होंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।।