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प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने नवा रायपुर जंगल सफरी की तर्ज पर कवर्धा के रामचुआ-हरमो में बनेगा एक और जंगल सफारी

निर्माण कार्य पर लगभग 75 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इस जंगल सफारी निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य रखा गया है।

प्राकृतिक वन सम्पदा को बिना नुकसान पहुंचाए बनेगा जंगल सफारी: मंत्री मोहम्मद अकबर

वन मंत्री ने प्रस्तावित जंगल सफारी के संबंध में ली विस्तार से जानकारी

कवर्धा, 08 नवम्बर 2021 प्रदेश में नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी की तर्ज पर कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो में एक और जंगल सफारी का निर्माण किया जाएगा। यह जंगल सफारी प्राकृतिक वन संपदा को बिना नुकसान पहुंचाए 191 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित किया जाएगा। जंगल सफारी में वन्य प्राणियों और आने वाले पर्यटकों के लिए नवीन एवं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज अपने शासकीय निवास कार्यालय में रामचुआ-हरमो क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना के संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाए बिना जंगल सफारी का निर्माण किया जाए। प्राकृतिक रूप से मौजूद जंगलों को कोई नुकसान न हो, इस पर भी विशेष सावधानी रखा जाए।

वन मंत्री अकबर ने बैठक में बताया कि प्रस्तावित नवीन जंगल सफारी को भोरमदेव मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों तथा ऐतिहासिक धरोहरों के साथ जोड़कर एक सर्किट बनाया जाएगा। उन्होंने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी के तर्ज पर एक और जंगल सफारी निर्माण के लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने निर्देशित किया। इस जंगल सफारी में शेर, चीता, सफेद शेर, भालू, हिरण, सांभर, नीलगाय सहित अन्य पशु-पक्षी के लिए अलग-अलग सफारी का निर्माण किया जाएगा। निर्माण कार्य पर लगभग 75 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इस जंगल सफारी निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री अकबर के समक्ष अधिकारियों द्वारा जंगल सफारी निर्माण परियोजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो क्षेत्र के 191 हेक्टेयर में जंगल सफारी तैयार करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। यह जंगल सफारी पहाड़ के ठीक नीचे स्थित है। यह प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता के साथ-साथ पर्यटकों के लिए काफी मनोरम स्थल होगा। जंगल सफारी निर्माण से किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि सफारी के अंदर कैचमेंट क्षेत्र में चेकडेम का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ-साथ प्राकृतिक रूप से बह रहे नाले को भी व्यवस्थित किया जाएगा। जंगल सफारी के मुख्य दरवाजे के समक्ष प्रशासनिक जोन भी तैयार किया जाएगा। जहां टिकट काउंटर के साथ-साथ फूड जोन, प्रसाधन, पार्किंग आदि की व्यवस्था रहेगी। जंगल सफारी क्षेत्र में पहाड़ से कुछ दूर तक पर्यटकों के आने-जाने के लिए सड़क निर्माण किया जाएगा। जिससे पर्यटक आसानी से पूरे जंगल को घूमकर सफारी का लुफ्त उठा सकेंगे।

वन मंत्री अकबर ने कहा कि जंगल सफारी का निर्माण प्राकृतिक रूप से मौजूद वन सम्पदा को बिना नुकसान पहुंचाए तैयार किया जाए। जंगल सफारी निर्माण के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के गाईड लाईन का पालन भी सुनिश्चित हो। जंगल सफारी में कौन-कौन से पशु-पक्षी और वन्य-प्राणी रख सकते हैं। उनके लिए अनुकूल वातावरण क्या होगा, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। मंत्री अकबर ने कहा कि पर्यटन एक रूट में ऐसे तरीके से तैयार किया जाए, जिससे पर्यटक एक ओर से अंदर जाए और जंगल सफारी का नजारा देखते हुए दूसरे रास्ते से वापस मुख्य द्वार प्रशासनिक एरिया के रास्ते निकल जाए। पर्यटकों को जंगल सफारी घूमने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए पहाड़ी के कुछ दूर एरिया पर व्यू प्वाइंट में तैयार भी किया जाए। जिससे पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा ले सके।

बैठक में क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, किसन साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, पीसीसी वाईल्ड लाईफ नरसिम्हा राव, सीसीएफ दुर्ग शालिनी रैना, कवर्धा डीएफओ दिलराज प्रभाकर, विषय वस्तु विशेषज्ञ जितेन्द्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



 

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