बेमेतरा | 25 नवम्बर 2020-राजीव गांधी किसान न्याय योजना में खरीफ 2020 में जिन कृषकों के द्वारा सोयाबीन, मंूगफली, तिल, अरहर, मंूग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, एवं रागी फसल बोया गया था, उनके बोये गये रकबे का पंजीयन संबंधित सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से प्रारंभ हो गया है। ऐसे कृषक योजना में प्रावधानित फसलों के रकबे का पंजीयन हेतु पंजीयन फार्म में अपना पूर्ण विवरण भरकर अपने संबंधित सेवा सहकारी समिति में सत्यापन एवं पंजीयन हेतु जमा करेगें। इस योजना में कृषकों को पूर्ण रूप से भरे हुये आवेदन पत्र (प्रपत्र-1) के साथ आवश्यक अभिलेख जैसे ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक की छायाप्रति संबंधित प्राथमिक सहकारी समिति में जमा करना अनिवार्य होगा। सहकारी समितियों को कृषकों का पंजीयन 30 नवम्बर 2020 तक अनिवार्य रूप से करना होगा।
उप संचालक कृषि ने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कृषकों के आवेदन पत्र का सत्यापन भूईयाॅ पेार्टल में प्रदर्शित संबंधित मौसम के गिरदावरी के आकड़ों के आधार पर किया जायेगा। सत्यापन उपरांत कृषक को संबंधित सहकारी समिति में पंजीयन कराना होगा। समय-सीमा में पंजीयन कराने वाले कृषको को सोयाबीन, मंूगफली, तिल, अरहर, मंूग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, एवं रागी फसल हेतु आदान सहायता राशि देने का प्रावधान शासन द्वारा तय किया गया है। इन फसलों हेतु आदान सहायता राशि की गणना संबंधित फसलों के गिरदावरी के अनुसार भूईया पोर्टल में संधारित रकबा के आधार पर आनुपातिक रूप से की जावेगी। उपरोक्त प्रक्रिया के तहत प्राप्त कृषकों के डेटाबेस के आधार पर नोडल बैंक द्वारा आदान सहायता राशि सीधे कृषकों के खातों में अंतरित की जावेगी। अपंजीकृत कृषकों को योजनान्तर्गत आदान सहायता अनुदान की पात्रता नही होगी। योजनान्तर्गत शामिल फसलों के अतिरिक्त अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि देय नही होगा।