समर्थन मूल्य पर आगामी एक दिसम्बर से शुरू होगी धान खरीदी, कबीरधाम जिले में इस वर्ष एक लाख 385 किसानों ने कराया पंजीयन
कलेक्टर ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-221 धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा
कवर्धा | 23 नवम्बर 2020। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आज यहां जिला कार्यालय के सभा कक्ष में खरीफ विपरण वर्ष 2020-21 में राज्य शासन के निर्देशानुसार आगामी एक दिसम्बर से शुरू हो रही समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की तैयारियों की समीक्षा। कलेक्टर शर्मा ने कबीरधाम जिले इस वर्ष 94 धान उपार्जन केन्द्रों से होने वाली धान खरीदी के कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विगत वर्ष जिले में 86 धान उर्पाजन केन्द्रों के माध्यम से धान की खरीदी हुई थी। वनमंत्री तथा कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के पहल पर कबीरधाम जिले में इस वर्ष 8 नए धान उर्जान केन्द्र बनाए गए है। इस आधार पर कबीरधाम जिले में 90 समितियों के 94 धान उपार्जन केन्द्रों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए जिले में एक लाख 385 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। बैठक में वनमंडलाधिकारी दिलराज प्रभाकर, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के., संयुक्त कलेक्टर अनिल सिदार, सभी अनुविभागीय अधिकारी, जिला खाद्य अधिकारी अरूण मेश्राम, जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी बद्री चन्द्रवंशी सहित सभी तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार उपस्थित थे।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आगामी एक दिसम्बर से शुरू हो रही धान खरीदी के कार्यों के संबंध में सभी 94 धान उर्पाजन केन्द्रों की गहन समीक्षा की। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने खरीदी केन्द्र हेतु आवश्यक व्यवस्था, मुख्य सड़क से खरीदी केन्द्र तक सड़क की स्थिति, भूमि की उपलब्धता, समतलीकरण एवं पानी निकासी की व्यवस्था, केन्द्रों में पक्के चबूतरों के निर्माण की स्थिति, केन्द्र में भवन, बिजली, पानी की व्यवस्था, कम्प्यूटर, प्रिंटर, यू.पी.एस., जनरेटर, इंटरनेट आदि की व्यवस्था, केन्द्र में उपलब्ध कांटा-बांट और हमालों की व्यवस्था, बारदानों की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति प्रबंधक और नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि धान खरीदी 1 दिसम्बर के पूर्व खरीदी केन्द्रों में प्रतिदिन की आंकलित औसत खरीदी के आधार पर आगामी 15 दिवस की धान खरीदी के लिए बारदानें भौतिक रूप से केन्द्र में रखे हों, इसका पालन निरंतर किया जाना है।
कलेक्टर शर्मा ने नोडल अधिकारियों को नियमित रूप से धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण करने और किसी भी तरह की अनियमितता, अव्यवस्था की जानकारी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को देते रहने के निर्देश दिए ।बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक खरीदी केन्द्र में शामिल ग्रामों के आधार पर उनके लिए ग्रामवार खरीदी दिवस सप्ताह में 5 कार्य दिवस के अनुसार निश्चित किया जाए। ग्राम की कृषक संख्या को ध्यान में रखते हुए छोटे कृषकों जो 1.5 हेक्टेयर रकबा तक के होंगें 70 प्रतिशत एवं बड़े कृषकों जो 1.5 हेक्टेयर से अधिक रकबा के होंगें 30 प्रतिशत खरीदी टोकन काटने के निर्देश दिए। ग्राम के पंजीकृत धान के रकबे के आधार एवं ग्राम की औसत उपज के आधार पर ग्रामवार क्रय किये जाने वाले धान की मात्रा का पूर्व आंकलन समिति प्रबंधक को करने निर्देश दिए । उक्त मात्रा के आधार पर ही ग्रामों के लिए खरीदी दिवस नियत कर बड़े और छोटे कृषकों को उसी अनुपात में टोकन जारी किया जएगा अर्थात सम्पूर्ण धान खरीदी सीजन जो लगभग 40 दिन का होगा उसके आधार पर खरीदी की कार्ययोजना पहले से बना ली जाए। बैठक में बताया गया कि धान खरीदी के लिए कृषकों को ग्रामवार टोकन ऑनलाईन जारी होंगे। किसी भी स्थिति में टोकन मैन्यूअल जारी नहीं किया जाएगा। ग्राम के कुल खरीदी योग्य रकबा एवं ग्राम की औसत उत्पादकता को ध्यान में रखते हुये प्रतिदिन की क्रय क्षमता का आंकलन करने और उस आधार पर अगले 5 दिनों के लिये 70 अनुपात 30 में टोकन जारी करने कहा गया। पांच दिवस से अधिक की अवधि के लिए टोकन किसी भी स्थिति में जारी न किया जाये अर्थात अगले हप्ते की खरीदी के लिए नियत ग्रामों के टोकन इस सप्ताह जारी हो जाये।
बैठक में कलेक्टर शर्मा ने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी नियमो का पालन कड़ाई से करने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी खरीदी केन्द्र प्रभारी की होगी। 1.5 हेक्टेयर तक के रकबा वाले कृषकों का पूरा धान एक बार में ही क्रय किया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए खरीदी टोकन जारी हों। इस बात की मुनादी ग्रामों में अनिवार्य रूप से कराने कहा। प्रतिदिन की जाने वाली धान की मात्रा के आधार पर 70 प्रतिशत टोकन इन छोटे कृषकों का काटा जाए। 1.5 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले कृषकों का धान उनके पंजीकृत रकबा और उत्पादन के आधार पर क्रय करने के लिए 30 प्रतिशत के अनुपात में खरीदी टोकन जारी हो। बड़े कृषकों के धान खरीदने के संबंध में प्रबंधक कृषक संख्या एवं धान की मात्रा को ध्यान में रखेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना खरीदी टोकन के किसी भी ग्राम के कृषक द्वारा लाये गये धान को खरीदी केन्द्र के भीतर न रखाया जाए। सभी टोकन जारी किये गये कृषकों से बोए गए रकबा तथा कुल उत्पादन के संबंध में पहले ही प्रमाण पत्र लेकर और इसकी ग्राम की औसत उपज से परीक्षण कर जानकारी तहसीलदार को दी जाय ताकि वास्तविक उत्पादन की जांच करायी जा सके। रकबा शेष होने की स्थिति में शुरू से ही रकबा समर्पण हेतु प्रमाण पत्र ले लिया जाय। इस हेतु प्रारूप पृथक से उपलब्ध कराया जायेगे । टोकन जारी कृषकों के नियत दिनांक को विक्रय हेतु उपस्थित नहीं होने की स्थिति में उन्हें उस ग्राम के अगले नियत दिवस को ही बुलाया जाय, अन्य ग्राम के साथ बीच में शामिल नहीं किया जाय। शेष कृषकों के बैकलॉक को ध्यान में रखते हुये अगले खरीदी दिवस हेतु उस ग्राम के लिये टोकन जारी किया जाए। केन्द्र की अधिकतम औसत क्रय क्षमता से बहुत ज्यादा मात्रा का टोकन जारी न किया जाए।
कलेक्टर शर्मा ने कहा कि खरीदी के प्रथम दिवस से ही केन्द्र में क्रय क्षमता अर्थात एक दिन में तौल किये जाने की क्षमता के आधार पर कांटा – बांट एवं हमालों की व्यवस्था कर ली जावे। धान खरीदी पक्के चबूतरों में ही की जाय। खरीदी उपरांत प्रत्येक दिवस के धान का स्टेक उचित तरीके प्रतिदिन ही लगाया जाय। स्टेक लगाने हेतु 12+8×10 अर्थात 200 बोरी के फार्मूले का उपयोग किया जाय। स्टेक लगाने के पूर्व पानी के बचाव के लिए धान कहीं भी सीधे जमीन में नहीं रखा जायेगा। बेस में प्लास्टिक की बोरियों के दो लेयर में भूसा भरकर ही धान रखा जाय। धान की सुरक्षा हेतु केन्द्र में पर्याप्त संख्या में उचित गुणवत्ता का तारपोलिन अनिवार्यतः रखा जाय । प्रत्येक सोसायटी में बने चबूतरों में कितने स्टेक या कितने बोरी धान आयेगा इसका आंकलन समिति प्रबंधक के द्वारा कल किया जाय और परिशिष्ट -1 के साथ इसकी विस्तृत रिपोर्ट देवें । इसके आधार पर बफर लिमिट का निर्धारण होगा। धान की किस्म मोटा, सरना, पतला के आधार पर उनके बारदानों में निर्धारित रंग का मार्का अनिवार्यतः लगाया जाय और परिवहन को ध्यान में रखते हुये पृथक से स्टेक लगवाया जाय। मिलर्स को डी.ओ. जारी होने पर उन्हें एक स्टेक का सम्पूर्ण धान एक बार में प्रदाय किया जावे। किसी भी स्थिति में स्टेक का धान केवल उपर से ही जारी न किया जाय। प्रत्येक दिवस खरीदी होने के पश्चात् केन्द्र का ऑपरेटर शाम को 7 बजे तक जिला विपणन कार्यालय में स्थापित किये गये कन्ट्रोल रूम में उस दिन जारी टोकन, खरीदी की मात्रा, परिवहन की मात्रा एवं बारदानें की उपलब्धता की संख्यात्मक जानकारी अनिवार्य रूप से नोट करायेंगें। केन्द्रों में प्रतिदिन की जा रही खरीदी एवं उठाव के आधार पर अगले सप्ताह की खरीदी हेतु बारदाना, खरीदी टोकन और परिवहन की व्यवस्था का आंकलन किया जावे। इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे कि आगामी दिवस को होने वाली खरीदी के लिये जगह की उपलब्धता एवं बारदानें की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाय। किसी भी स्थिति में जगह उपलब्ध न होने या बारदानें की उपलब्धता नहीं होने के आधार पर खरीदी कार्य बाधित न हो। संग्रहण केन्द्र या राईस मिलर्स हेतु धान के उठाव में खरीदी कार्य के लिये जगह की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुये परिवहन वैज्ञानिक तरीके से कराया जाय। इस वर्ष राईस मिलर्स को प्रदाय किये गये धान के अनुपात में उनके द्वारा चांवल प्लास्टिक बोरी में जमा किया जायेगा। प्रत्येक समिति प्रबंधक उचित मूल्य दुकानों जिसमें समिति, स्व-सहायता समूह एवं ग्राम पंचायतों की राशन दुकान शामिल है, को चांवल हेतु प्रदाय किये गये। बारदानों का उपयोग नियमित रूप से खरीदी में करते रहेंगें। प्रत्येक शनिवार को अपरान्ह 3 बजे धान खरीदी की साप्ताहिक समीक्षा समिति प्रबंधक, खरीदी केन्द्र प्रभारी के साथ कलेक्टरके द्वारा जिला कार्यालय में की जायेगी।