राजस्थान में एक अनोखा मामला सामने आया है जब आयकर विभाग की जांच में पता चला कि एक मजदूर 15 जमीनों का मालिक है जिसका मूल्य करोड़ों रूपये है। जांच में पाया गया कि दरअसल एक बड़े समूह के मालिक ने अपने यहां काम करने वाले मजदूर के नाम पर संपत्ति रखी है।
राजस्थान में आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने बुधवार को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर कूकस और खोरामीणा गांवों में 15 संपत्तियां बेनामी मानते हुए प्रोविजनल रूप से अटैच कर दी। इसमें एक बेनामी बैंक खाता भी अटैच किया है। अटैच की गई कुल करीब साढ़े दस हेक्टेयर बेनामी जमीन का बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।
आयकर विभाग ने इसी साल जनवरी में ओम ग्रुप के प्रतिष्ठानों पर तलाशी की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में विभाग ने पाया कि समूह के प्रमुख ओमप्रकाश अग्रवाल ने सवाई माधोपुर के मैनपुरा निवासी रामसिंह मीणा के नाम से जयपुर-दिल्ली हाईवे पर काफी जमीनें खरीदी। रामसिंह मजदूरी करता है और उसकी हैसियत इतना बड़ा निवेश करने की नहीं थी।
इसके बाद बेनामी निषेध यूनिट ने जांच की तो पता चला कि ओमप्रकाश ने यह जमीनें खरीदने के लिए रामसिंह मीणा के नाम से सरदार पटेल मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता खुलवाया।
इसके बाद खाते में नकद जमा करवाकर या अपने समूह की अन्य कंपनियों से लोन की एंट्रीज लेकर इन जमीनों के लिए भुगतान किया। रामसिंह के नाम से 15 जमीनें खरीदी गईं।