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भिलाई स्टील प्लांट के ठेका मजदूरों की अब बायोमेट्रिक्स से हाजिरी लगेगी

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के ठेका मजदूरों की अब बायोमेट्रिक्स से हाजिरी लगेगी। 26 दिन नौकरी करने के बाद कम हाजिरी की शिकायत। वेतन, पीएफ सहित अन्य सुविधाओं में हो रही धांधली की शिकायत रोकी जा सकेगी। यह सब ठेका मजदूरों के आंदोलन की वजह से संभव होने जा रहा है। ट्रॉयल के रूप में एक-दो एरिया में इसको लागू किया जा रहा है। इसके बाद पूरे प्लांट में ठेका मजदूरों को इसके दायरे में लाने का फैसला हो गया है।

ईडी पीएंडए केके सिंह ने ठेका मजदूरों की समस्याओं और शिकायतों को संज्ञान में लेकर ठोस पहल की है। बीएसपी के ठेका मजदूरों ने शनिवार को ईडी से इस्पात भवन में मुलाकात की। संबंधित विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों पर गंभीर आरोप लगाए गए। मजदूरों के शोषण की कहानी सबूतों के साथ पेश किया गया।

आइआर विभाग के डीजीएम सूरत सोनी सहित तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में ईडी पीएंडए ने पुख्ता कदम उठाते हुए प्लांट में दाखिल होने वाले मजदूरों की हाजिरी ऑनलाइन कराने का आदेश दिया। रोज ड्यूटी पहुंचने वाले मजदूरों की उपस्थिति के मामले में फिर किसी तरह की धांधली की आशंका नहीं रहेगी। मजदूरों को भी कम हाजिरी और सुविधाओं के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।

ट्रॉयल के बाद लागू होगा सब पर

बीएसपी कर्मचारियों ने बताया कि बायोमेट्रिक्स की शुरुआत एक-दो विभागों में ट्रायल से हो रही है। संभावना जताई जा रही है कि इसे जल्द से जल्द लगाया जा सकता है। इस्पात भवन सहित कुछ अन्य विभागों में अधिकारियों के लिए बायोमेट्रिक्स पहले से लगे हुए हैं। इसी तर्ज पर ठेका मजदूरों के लिए कुछ विभागों में लगाकर ट्रॉयल लिया जाएगा। इससे नियमित मजदूरों का रिकॉर्ड बन सकेगा। मजदूर खुद भी सतर्क रह सकेंगे। ठेकेदारों की मनमानी पर पूरी तरह से लगाम लग सकेगी। विवाद की स्थिति को देखते हुए प्रबंधन ने ऐसा फैसला लिया है।

जानिए क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला

– भिलाई स्टील प्लांट में ठेका मजदूरों का शोषण हो रहा है। इसकी शिकायत केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक हो रही है।

– 30 जनवरी को मजदूरों ने पीएफ कार्यालय पहुंचकर पोल खोली, पीएफ आयुक्त ने खुद शिविर लगाकर जांच का आश्वासन दिया।

– कर्मचारियों ने सबूत के साथ भविष्य निधि के आयुक्त से शिकायत की थी।

– आरोप लगाया कि तीन साल तक नौकरी करने वालों के खाते में महज तीन हजार रुपये ही पीएफ मद में जमा है।

– हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन सीटू की शिकायत के बाद बीएसपी प्रबंधन हरकत में आया।

– एक सप्ताह के भीतर ही सभी ठेका मजदूरों के गेट पास पर यूनिवर्सल एकाउंट नंबर अनिवार्य कर दिया, इसके बगैर गेट पास जारी न करने का आदेश दिया।

– एक ही पीएफ नंबर दो श्रमिकों को आवंटित करने का भी आरोप लगाया गया।

ऐसे समझिए, नई व्यवस्था से होने वाले फायदों को

– हाजिरी में गड़बड़ी की सबसे ज्यादा धांधली की शिकायतें बीएसपी के खिलाफ आती है। यह रोकी जा सकेगी।

– ठेका श्रमिकों को हाजिरी कार्ड नहीं सौंपा जाता है, जिससे ठेका श्रमिक 26 दिन काम करते हैं। लेकिन 12 से 15 दिन की हाजिरी दिखाई जाती है। इस परंपरा पर रोक लग सकेगी।

– हाजिरी में गड़बड़ी कर भविष्य निधि राशि श्रमिकों के खाते में कम डाली जाती है। अब ठेका मजदूरों को इससे निजात मिल सकेगी और पूरी राशि एकाउंट में आ सकेगी।

– नियोक्ता (कंपनी या ठेकेदार) अपना अंशदान जमा करने से नहीं बच सकेंगे। इसका सीधा-सीधा नुकसान श्रमिकों को होता था, जो अब नहीं हो सकेगा।

पेंशन के नुकसान से बच सकेंगे मजदूर

पीएफ राशि में धांधली से ठेका श्रमिकों को 58 वर्ष के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि भी प्रभावित होती है। नुकसान झेलना पड़ता है। प्रबंधन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की गई थी। ऑपरेटिंग अथॉरिटी को प्रत्येक श्रमिकों को हाजिरी कार्ड उपलब्ध कराने की गुहार लगाई गई थी, जिससे पीएफ में हाजिरी की गड़बड़ी और धांधली रोकी जा सके। हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची, श्रमिकों को मिल सकेगा।

25 हजार मजदूरों को मिलेगा न्याय

‘यह हम मजदूरों की बड़ी जीत है। सड़क पर प्रदर्शन और प्रबंधन तक आवाज पहुंचाने का नतीजा है कि न्याय मिला है। ईडी पीएंडए ने मजदूरों की पीड़ा को सुनते ही बायोमेट्रिक्स लगाने का आदेश दिया है। हम सबकी मौजूदगी में यह फैसला हुआ, जिससे 25 हजार मजदूरों को न्याय मिल सकेगा।

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