मुझे जो पानी पी-पीकर कोसा जाता है। उसकी वजह है कि मैं कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रहा हूं। यह लोग इतना बौखला गए हैं कि जांच एजेंसियों को बंगाल आने से मना कर रहे हैं। दीदी अगर कुछ गलत किया नहीं है तो डरने की जरुरत क्या है?
आज दुनिया इस सच्चाई को जानती है कि टीएमसी की सरकार उन परियोजनाओं को हाथ ही नहीं लगाती जिनमें सिंडिकेट का शेयर ना हो और जहां मलाई ना मिलती हो।
यहां जगाई-मथाई, सिंडिकेट और ट्रिपल T कल्चर को चुनौती देने वाला कोई नहीं था, इसलिए पश्चिम बंगाल की परंपरा और महान संस्कृति से खिलवाड़ करने की इनको छूट मिल गई। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भाजपा सामान्य जन की, किसानों की, गरीबों की और बेटियों की आवाज बनकर खड़ी है।
जो लोग 4 साल पहले तक एक दूसरे का मुंह नहीं देखते थे वो कोलकाता में चौकीदार को हटाने के लिए शपथ ले रहें थे। घोटालों और धोखाधड़ी में लिप्त इन लोगों को चौकीदार पसंद नहीं है।
10 साल पहले कांग्रेस सरकार ने दावा किया था कि उसने किसानों का 52,000 करोड़ रुपए का कर्जमाफ किया। इतने पैसे से हम भी कर्ज़माफी का शोर मचा सकते थे, लेकिन हमारी नीयत साफ है जिसका परिणाम किसान हित में आई ये परमानेंट योजना है।
इन्होने शिक्षा पर भी टैक्स लगा दिया है, जिसका नाम है ट्रिपल T टैक्स, यानी तृणमूल टोलबाजी टैक्स। कॉलेज में एडमिशन हो, टीचर की भर्ती या ट्रांसफर हो, लोग बताते हैं कि हर जगह ये ट्रिपल T टैक्स लगता है।
कल बजट में किसानों के लिए भी बहुत बड़ी योजना की घोषणा की गई है। इस योजना का नाम है ‘पीएम ‘किसान सम्मान निधि योजना’। इसके अंतर्गत देश के 12 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए दिए जाएंगे, जो सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाएंगे।
आजाद भारत के इतिहास में किसी भी सरकार किसानों के लिए इतनी बड़ी और लाभकारी योजना नहीं लाई है जैसा कि प्रधानमंत्री किसाम सम्मान निधि के अंतर्गत किया गया है। हम सीमांत किसानों को 6,000 रुपये की सहायता प्रदान करते हुए लगभग 75,000 करोड़ रुपये खर्च करने का इरादा रखते हैं। मध्यमवर्ग के लोग अब दवाईयों, घुटने की सर्जरी और दिल के स्टेंट्स पर हजारों रुपये बचा सकते हैं।
देश में लंबे समय से एक मांग उठ रही थी कि 5 लाख रु तक की आय को टैक्स से मुक्त किया जाए, इस मांग को पूरा करने का काम हमारी सरकार ने किया है और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 5 लाख रु तक की सालाना आय पाने वालों को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया है। यह केवल न्यू इंडिया का ट्रेलर है अभी बहुत कुछ होना बाकी है।
बीते साढ़े 4 वर्षों में पश्चिम बंगाल के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट में बड़ी वृद्धि की गई है। लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां की सरकार विकास की परियोजनाओं को लेकर रत्ती भर भी गंभीर नहीं है।
पश्चिम बंगाल की सरकार राज्य में शुरू किए गए विकास कार्यों को लेकर गंभीर नहीं है। आपके प्यार से दीदी की नींद हराम हो गई है। बंगाल की सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के सपनों को कुचलने में जुटी है लेकिन केंद्र सरकार उन सपनों को नई उड़ान देने का प्रयास कर रही है।
इनका जाना तय है, बंगाल परिवर्तन करके रहेगा। यहां की धरती में, यहां की परंपरा में, इतना सामर्थ्य है कि वो मां-माटी-मानुष के नाम पर सरकार बनाने के बाद, यहां के लोगों को चुन-चुन कर रास्ते से हटा रही ममता सरकार को ही हटा देगी।
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोचा करता था कि दीदी जो खुद लेफ्ट के शासन में पीड़ित रही हैं वह उसी राह पर नहीं चलेंगी। लेकिन मैं हैरान हूं कि वह भी उन्हीं रणनीतियों को अपना रहे हैं। आप मुझसे लिखित में ले लीजिए इनका जाना तय है।’
पीएम मोदी के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में रैली को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब टीएमसी की सरकार बनी, उस समय चुनाव के दौरान टीएमसी के नेताओं ने मां, माटी और मानुष की बात कही थी। लेकिन आज हालात यहां पर ऐसे हो गए हैं कि ना मानव सुरक्षित है, मा मानुष सुरक्षित है और मा माटी सुरक्षित है।’
जिसने कर्ज लिया उसके ढाई लाख रुपये माफ करने का वादा किया था और माफी हुई केवल 13 रुपये की। ये कहानी मध्यप्रदेश की है। वहीं राजस्थान में सरकार ने तो हाथ ही खड़े कर दिए हैं। उसका कहना है कि कर्जमाफी से राज्य पर बोझ बढ़ेगा।
यह तो केवल शुरुआत है। लोकसभा चुनाव के बाद अगला बजट आएगा। जो युवाओं, किसानों और समाज के दूसरे वर्गों के लिए होगा।
पांच एकड़ की जमीन वाले किसानों को सालाना केंद्र सरकार 6,000 रुपये की मदद देगी। यह राशि उनके बैंक खातों में जमा करवाए जाएंगे। यह उन्हें तीन किश्तों में दिए जाएंगे। जिसकी पहली क्शित जल्द ही आएगी।
ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि आज़ादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांव की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना दिया जाना चाहिए था और यहां पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी अधिक खराब है। आज की रैली का दृश्य देखकर मुझे समझ आ गया है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आयी हैं। हमारे प्रति बंगाल की जनता के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वालें लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं।
कल एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। देश के इतिहास में पहली बार किसानों और कामगारों के लिए बहुत बड़ी योजनाओं का ऐलान किया गया। उन योजनाओं से देश के 12 करोड़ से ज्यादा किसानों, 20 करोड़ मजदूर और 3 करोड़ मध्यमवर्गीय लोगों को लाभ मिलेगा।
क्रांतिवीरों की धरती को मेरा नमन। ठाकुरनगर सामाजिक आंदोलन का गवाब रहा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि एक ही दिन मोदी व राजनाथ सिंह की चार-चार रैलियों से साफ है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस बार बंगाल को कितनी अहमियत दे रहा है। सूत्रों ने बताया कि मोदी की ठाकुर नगर की रैली इलाके में राजनीति पर जबरदस्त पकड़ रखने वाले मतुआ समुदाय के एक गुट ने आयोजित की है।
गणतंत्र बचाओ यात्रा के तहत भाजपा अगले आठ दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 10 रैलियां करेगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा पार्टी के दूसरे शीर्ष नेता भी शिरकत करेंगे। 24-परगना जिले के ठाकुरनगर में आज पीएम मोदी दो रैलियों को संबोधित करेंगे। रैली के लिए पीएम ठाकुरनगर पहुंच गए हैं। थोड़ी देर में वह लोगों को संबोधित करेंगे।