कवर्धा l मे मेडिकल कालेज की मांग: बृजलाल अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवीकवर्धा के वरिष्ट पत्रकार संरक्षक अग्रवाल समाज एवं सदस्य रेड क्रास सोसाईटी ने कबीरधम जिले के स्वास्थय संबंधी बदतर स्थिति व जनता की 20 वर्ष पुरानी चल रही मांग पर शासन का ध्यान पुनः आकृष्ट करते हुए कहा की कवर्धा मे अंग्रेजों के कार्यकाल मे वर्ष 1926 मे एक चिकित्सालय 5 एकड़ भूमि पर प्राथमिक स्वास्थय केंद्र के नाम से खोला गया था आज भी सुरक्षित यथावत है आजादी पश्चात माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए सम्मान को निर्देशानुसार प्रत्यक तहसील मे 100 बिस्तर अस्पताल खोला गया , वर्ष 1990 के दशक मे कवर्धा कोरिया एवं महासमुंद तहसील मे प्रारंभ किया गया अर्थात 74 वर्ष पश्चात कवर्धा जिले मे वर्ष 2005 मे कवर्धा चिकित्सालय को प्रदेश के मुख्यमंत्री डाँ. रमन सिंह ने अपग्रेड किया तब से 15 वर्ष तक इस चिकित्सालय मे ना ही किसी एमडी डॉक्टर व्यवस्था की गई एवं अन्य विशेषज्ञ की चिकित्सकों की पूर्ण भर्ती नहीं हो सकी फलस्वरूप यह चिकित्सालय अपने मानक स्तर पर नहीं लाए जाने से रिफ़र अस्पताल जाने – जाना लगा | जितने भी गंभीर किस्म की मरीज आते है वह रायपुर रिफ़र कर दिए जाते है अतः चिकित्सालय अपनी विश्वानीयता खो चुका है , 100 बिस्तर अस्पताल या जिला अस्पताल मात्र शासकीय कागजों पर रही है, यह केवल कुछ छुटपुट बीमारियों का ही इलाज हो रहा है डॉक्टर है तो आवश्यक जांच उपकरण नहीं यदि उपकरण है तो डॉक्टर नहीं शासन ने टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की किन्तु पता नहीं आज तक किसी मरीज का इलाज हुआ हो इसी प्रकार प्रथम मंजिल मे नेत्र चिकित्सालय हेतु 19 लाख स्वीकृत की गई है किन्तु आज तक नहीं बना आवश्यक जांच हेतु पूर्ण उपकरण गत् वर्ष क्षेत्रिय विधायक एवं केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा खनिज संपदा न्यास से एमडी चिकित्सक 20 वर्षों मे पहली बार भर्ती की गई इसके अतिरिक्त 3 अन्य डॉक्टर मिले किन्तु स्थायी चिकित्सकों की भर्ती आज तक नहीं की जा सकी | समय काल एवं परिस्थिति अनुसार मेडिकल कालेज की मांग की जा रही है , चूंकि अब यह क्षेत्र तहसील न होकर जिला का स्वरूप ले चुका है इसके अतिरिक्त मुंगेली व बेमेतरा जिले को लाभ मिलेगा आज महानगर रायपुर एवं बिलासपुर मे बाहर के भी मरीज आते है वहाँ मरीजों का दबाव अधिक है यह हरिजन आदिवासी बैगा क्षेत्र माना जाता है , वनांचाल, जिले से 80 किलोमीटर दूर तक फैला है जिले मे प्राइवेट ऐसा एक भी अस्पताल नहीं है जो सभी प्रकार के मरीजों का इलाज कर सके जिससे मरीजों को रायपुर , नागपुर एवं हैदराबाद तक जाना मजबूरी है यहाँ मध्यमवर्ग गरीब वर्ग के लोग मर जावे अथवा सामान गिरवी या बेंचकर इलाज की व्यवस्था करे गत् 15 वर्षों मे राज्य शासन द्वारा गंभीर बीमारियो को लेकर अनदेखी किया जाना नागरिकों को गवांरा नहीं है, अतः अब पुनः शासन समीक्षा कर उचित एवं आवश्यक मांग को देखते हुए एक मेडिकल कालेज घोषित करे वैसे भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनावी सभा मे श्री राजीव गांधी के मंचस्व रहते इस मांग को आवेदन के आधार पर उचित बताते हुए स्वीकार करने की बात कही थी किन्तु प्रतीत होता है भाषण के अंतिम दौर मे एवं जल्दबाजी मे की गई इस योजना को भूल गए जो की एक दैनिक समाचार मे उल्लेखित किया गया था, पुनः शासन मे क्षेत्र के दबंग मिलनसार विधायक एवं केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर से अपेक्षा है की मांग पूरी करे व सहयोग करेंगे इसी कार्य की लोकप्रियता के कारण रायपुर निवासी होते हुए भी कवर्धा की वीरेंद्र नगर की विधानसभा सीट जीतकर एक रिकार्ड कायम कर चुके है अतः शासन से पुनः अपेक्षा है की जिले की वर्षों पुरानी एवं आवश्यक मांग पूरी करेंगे |
“ स्वास्थ है तो विकास है अन्यथा जन्नत भी बेकार है ”