कवर्धा – 01 मई 2020। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने भीषण गर्मी एवं लू से बचाव, प्रबंधन के लिए दिशा निर्देश जारी किया है।
लू के लक्षण –
सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ् मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ सिर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का आ आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना और बेहोश होना शामिल है।
लू से बचाव के उपाय –
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए विभिन्न बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें बहुत अनिवार्य नहीं हो तो घर से बाहर नहीं निकलें, धूप में निकलने से पहले कार व कानों को कपड़ें से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीयें, अधिक समय तक धूप में न रहें, गर्मी के दौरान नरम मुलायम सूती कपड़े पहनने चाहिए, ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें, चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें, प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श लिया जाएं, उल्टी सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह जरूर लेना चाहिए।
लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार-
लू लगने पर इसके प्रांरभिक उपचार के लिए सलाह दी जाती है। बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाना चाहिएं। ऐसी स्थिति में अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाएं, जैसे कच्चे आम का पना जलजीरा आदि, पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा देना चाहिए। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए। पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले जाएं और मितानिन, एएनएम से ओआरएस की पैकेट के लिए संपर्क करें।
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