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खाद की कालाबाजारी रोकने बाजार मे नगद खाद पर लगे प्रतिबंध

 

सोसायटियों के माध्याम से किए जाना चाहिए

कवर्धा – पूरे प्रदेश में रासायनिक खा़द की हो रही हैं कालाबाजारी बाजार में किसानों को मिल रहा नकली खाद जिले में हैं 80 सेवा सहकारी समितियां हैं जहां से किसानों को मिलता रासायनिक खाद दूकानों मे मिलने वाले रासायनिक खाद का वितरण सीधे सोसायटियों के माध्याम से किए जाना चाहिए ताकि इसका लाभ किसानो को मिल सके अभी तक देखने मे आ रहा हैं कि किसानों को सेवा सहकारी समिति सिर्फ उधारी में खाद का वितरण करता हैं नगद राशि में नही यदि कृषकों को खाद लेने के आवश्कता पड़ रही हैं तो बाजार सें नगद राशि के माध्यम से क्रय करना पडता हैं बाजार में मिलने वाले रासायनिक खाद की गुणवत्ता पर प्रश्न उठता रहता हैं प्रशासन को चाहिए कि बाजार में बिकने वाले सभी खाद की दूकान को बंद कर सेवा सहकारी समितियों के माध्यम सें विक्रय कराया जाना चाहिए या फिर महिला स्वासहायता समूहं के माध्यम से खाद का विक्रय कराया जाना चाहिए जिससे स्वासहायता समूह व सेवा सहकारी समितियों के सदस्यों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। किसान कर्ज कि यदि ग्राम पंचायत के माध्यम से यदि खाद का विक्रय किया जाता हैं ग्राम पंचायत के आय में बढ़ोतरी होगी एवं आस पास के किसानों को खाद के उठाव करने में आसानी होगी अभी तक देखा जा रहा हैं कि शासन के माध्यम से समितियों एवं खुले बाजार में खाद का विक्रय किया जा रहा हैं खुले बाजार में किसानों को अधिक दाम पर घटिया खाद मिलने कि श्किायते बार-बार आ रही हैं बाजार में प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजार में शासन द्वारा निर्धाति मूल्य 265 रु की यूरिया 300 रूपए तक बिक रही है। किसानों ने बताया कि यूरिया के खरीदी करने पर दूकानदारों द्वारा जबरदस्ती डीपीए खरीदने को कहा जाता हैं जिले में यूरिया कि किल्लत महसूस की जा रही हैं पौधौं की बाढ़ के लिए किसान यूरिया का प्रयोग करते हैं किसानों कि मजबूरी का फायदा दूकानदार उठा रहें हैं पूर्व में सरकार द्वारा खाद का विक्रय सिर्फ समितियों के माध्यम से किया जाता रहा किंतु निजी दूकानदारों को खाद बेचने के लायसेंस जारी कर दिया गया अब समेतियों में केवल उधारी में ही विक्रय किया जाता हैं नगद में खाद खरीदने वाले किसानों को बाजार सें अधिक दाम पर बिना गारॅटी का मिल रहा हैं जिले के खाद दूकानदारों ने बताया रैकं पाईन्ट बैठे डिस्टीब्यूटर हमे भी 20 टन यूरिया लेने पर 5 टन डी ए पी लेने का दबाव डाल रहें हैं।
बिना पौस मशीन के बेचा जा रहा खाद – शासन द्वारा खाद विके्रताओं के लिए नियम निर्धारण कियें है।जिसमें विक्रेता कों एक मशीन दिया गया हैं जिसके अनुसार दूकानदारों को खाद बीज क्रय करने वाले किसानो का अंगूठा लगाना व आधार कार्ड का पंजीयन नम्बर मशीन में लोड करना होता हैं किंतु जिले के अधिकतर दूकानदार इस मशीन का प्रयोग नही करके शासन को चूना लगा रहे हैं।

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