कंपनी एवं रेल हेड में बैठे डिस्टीब्यूटर के द्वारा प्रति ट्रक खाद खरीदी में लगभग 1.50 लाख रु. का लादन लेना अनिवार्य कर दिया गया है | बिना लादन के खाद नहीं दिया जाएगा
प्रदेश सरकार द्वारा आयातित रासायनिक उर्वरक डी.ए.पी., युरिया, पोटाश, सहित अन्य उर्वरक को 60 प्रतिशत मार्कफेड/विपणन संघ के माध्यम से सोसायटियों को एवं 40 प्रतिशत निजी लाईसेंसी विक्रेताओं के लिए मात्रा निर्धारित किया गया है, इसके पश्चात् भी जिले के ज्यादातर सोसायटियों मे यूरिया सहित अन्य उर्वरक का स्टॉक निरंक/अपर्याप्त है।
कबीरधाम जिले मे 22497 गन्ना उत्पादक कृषक है, जिनके द्वारा गत् वर्ष लगभग 75 हजार एकड़ मे गन्ना का फसल लिया गया, इस वर्ष क्षेत्रफल 85 हजार एकड़ से अधिक होने की संभावना है, अभी गन्ना की लगाई का कार्य चल रहा है, जिसमे से अधिकतर कृषक का गन्ना विक्रय शेष होने/विगत् 2 वर्ष से कोविड के ईलाज मे रकम व्यय/चना की फसल लगातार 2 वर्ष से खराब होने/सामाजिक कार्यो जन्म, मृत्यु, विवाह का व्यय के कारण सोसायटियों मे कर्जदार है, इसलिए निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रेताओं पर उर्वरक के लिए निर्भर है।
एग्री इनपुट डीलर यूनियन एवं किसान कांग्रेस के जिलायक्ष विजय वैष्णव ने जारी विज्ञप्ति मे कहा कि यह कि भाठापारा, मुदिर हसौद, तिल्दा नेवरा, बिलासपुर, रायगढ़ सहित समस्त रेक प्वाईन्ट मे सी. एण्ड एफ. धारक/स्टॉकिस्ट होल्डर/होल सेलर व्यापारियों एवं उर्वरक निर्माता कंपनियों के क्षेत्रिय प्रतिनिधियों द्वारा आपस मे मिली भगत कर अनैतिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से खुदरा व्यापारियों के लिए अघोषित अवैधानिक शर्ते –
पहला – उर्वरक क्रेता ख्ुादरा व्यापारी उर्वरक का क्रय सुनिश्चित करने के लिए प्रति ट्रक/25 टन मे एक से डेढ़ लाख रूपये का लादान (अन्य सामग्री खरीदने की बाध्यता) का पहले भुगतान करेगा उसके पश्चात् उर्वरक का क्रय कर सकता है अन्यथा उसके उर्वरक का आर्डर सुनिश्चित नही किया जाता।
दूसरा – सी. एण्ड एफ. धारक/स्टॉकिस्ट होल्डर/होल सेलर व्यापारियों द्वारा उर्वरक का मानक विक्रय दर से अधिक दर मे विक्रय किया जाता है तथा निर्धारित मानक दर मे बिल बनाकर बाकि रकम पृथक से लिया जाता है।
छत्तीसगढ़ एवं जिला कबीरधाम मे उर्वरक मानक विक्रय दर मे बिना लादान के कृषको को उपलब्ध कराने कृषि विभाग सहित प्रशासन, शासन प्रतिबद्ध है, जिसे क्रियान्वयन करने निचले स्तर पर खुदरा विक्रेताओं पर अनेक कार्यवाही लगातार किया जा रहा है, लेकिन कीमत मे वृद्धि का मुख्य वजह उच्च स्तरीय कालाबाजारी है, जिसके कारण निचले स्तर पर समस्या का समाधान नही हो पा रहा है।
खुदरा व्यापारियो ने कालाबाजारी रोकने प्रस्ताव पास कर मोर्चा खोला – कबीरधाम जिला के ज्यादातर थोक/खुदरा उर्वरक विक्रेता शासन द्वारा निर्धारित दर मे विक्रय हेतु असमर्थ होने के कारण यूरिया सहित अन्य उर्वरक का क्रय एवं विक्रय बंद कर दिया गया है/बंद करने की स्थिति मे है। जिससे व्यथित होकर एग्री इनपुट यूनियन की बैठक मे इसके समाधान के लिए प्रस्ताव पास कर यूनियन को दायित्व निर्वहन करने कहा गया।
उपरोक्त समस्त कंडिकाओं के अवलोकन से ज्ञात होता है, कि उच्च स्तर पर कार्यवाही से बचने का रास्ता बनाकर कुछ सी. एण्ड एफ. धारक/स्टॉकिस्ट होल्डर/होल सेलर व्यापारियों एवं उर्वरक निर्माता कंपनियों के क्षेत्रिय प्रतिनिधियों द्वारा करोड़ो रूपये का कालाबाजारी को अंजाम दिया जा रहा है, जिसके कारण ख्ुादरा विक्रेता शासन द्वारा निर्धारित मानक दर मे कृषको को उर्वरक उपलब्ध कराने मे असमर्थ हो गए है। कृषको को अधिक दाम मे उर्वरक खरीदने हेतु विवश किया जा रहा है। वैष्णव ने आगाह करते हुए कहा कि उपरोक्त स्थिति पर नियंत्रण नही किया गया तो आने वाले खरीफ सीजन 2022-23 मे कृषक उर्वरक की भयावह समस्या से जूझने मे विवश हो जावेगा।
उक्त समस्या के निराकरण के लिए छ.ग. मे रासायनिक उर्वरक का व्यापक मात्रा में करोड़ो रूपये की कालाबाजारी पर अंकुश लगाकर, किसानो को निर्धारित दर में उर्वरक उपलब्ध करान,े की नियत से निजी क्षेत्र के व्यापारियों को शासन द्वारा नियत विक्रय दर मे बिना लदान के, रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने का अनुरोध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, केबिनेट मंत्री अकबर भाई, संचालक कृषि, कृषि उत्पादन आयुक्त, जिलाधीश कबीरधाम, संयुक्त संचालक कृषि संभाग दुर्ग, उप संचालक कृषि जिला कबीरधाम सहित द्वारिका गुप्ता अध्यक्ष छ.ग. एग्री इनपुट डीलर्स एशोसियशन से किया है।