लंगूरों की हत्या करने वाले अपराधियों को पहुंचाया गया जेल
कवर्धा, 25 सितम्बर 2021। कबीरधाम जिले के ग्राम कोठार में लंगूरों की हत्या के मामले में शामिल तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनो आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय ने 8 अक्टूबर तक रिमांड पर देकर जेल भेज दिया। लंगूरों को मारने में उपयोग किए गए सभी आवश्यक समान को जब्त लिया गया है। कवर्धा वन मंडल और जलवायु परिवर्तन विभाग की टीम ने यह कार्यवाही की।
कबीरधाम जिले के वन मण्डलाधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कवर्धा वन मंडल के जांच दल के द्वारा विश्वसनीय सूत्रों और मुखबिर के आधार पर कोठार ग्राम पंचायत के कोठार गांव जाकर लंगूरों की हुई हत्या बाबत जांच की गई। मौके पर एक मादा लंगूर मृतक और एक नर बच्चा लंगूर घायल अवस्था में वन अमला को प्राप्त हुए थे। तत्पश्चात गांव में खोजने पर मुखबिर की सूचना के आधार पर सियाराम यादव के घर के पिछले हिस्से में खुदाई में एक लंगूर का शव बरामद किया गया था। विस्तृत रूप से हुए जांच पड़ताल एवं अपराध की विवेचना के आधार पर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कवर्धा वन मंडल द्वारा कार्यवाही की गई।
दर्ज की गई प्राथमिक अपराधरिपोर्ट पी.ओ.आर
19 सितंबर को पी.ओ.आर. क्रमांक 13750/18 मुख्य अभियुक्त शिकारी मंगतू वल्ल, पतंग पारधी, उम्र 52 वर्ष, ग्राम लघान, थाना पिपरिया एवं लखन वल्द तुलसीराम पारधी, उम्र 45 वर्ष, ग्राम दामापुर, थाना कुंडा के नाम जारी कर कार्यवाही की गई। उसी प्रकार पी.ओ.आर. क्रमांक 13750/19 सियाराम यादव वल्द बावा राम यादव, उम्र 42 वर्ष, ग्राम कोठार के नाम से जारी की गई। इन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिन्हें माननीय न्यायालय ने 8 अक्टूबर तक रिमांड पर देकर जेल भेज दिया।
वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत इन धाराओं में हुई कार्यवाही
2(16), (35), (37), 9, 35(6), 39(1) (अ), (ब), (द), 39(3) (अ), (स), 50, 51 तथा 52
क्या है सजा का प्रावधान-
आरोप सिद्ध होने पर हो सकती है 3 से 7 साल की जेल या अर्थदंड या दोनों
वन मण्डलाधिकारी दिलराज प्रभाकर ने बताया कि कवर्धा वन मंडल के समस्त परिक्षेत्र अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है कि वन क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाएं, सजग रहें, अपने अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में इस प्रकार की वन्य प्राणियों के प्रति होने वाली घटनाओं पर सूक्ष्मता पूर्वक नजर रखें। जांच पड़ताल करते रहें तथा सूचना मिलने पर अपराधी के खिलाफ कड़ी से कड़ी वैधानिक कार्यवाही करें। आम नागरिकों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार सहित उनका सहयोग लेते हुए भविष्य में वन अपराधों एवं वन्य प्राणियों के शिकार हो पर नियंत्रण करना सुनिश्चित करें।