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भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कर्मचारी यूनियन के द्वारा कारखाना प्रबंधक को 7 दिवस का अल्टिमेटम दिया गया है

मांग पूरी नहीं होने पर कारखाना के समस्त श्रमिक काला पट्टा लगाकर विरोध करेंगे | 

कवर्धा – भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना रामहेपुर कवर्धा में स्थित है जो छत्तीसगढ़ के प्रथम शक्कर कारखाना और सबसे पुराना है के श्रमिक एवं मजदूर संयुक्त रुप से अपने निम्न मांगों को लेकर कारखाना प्रबंधन को सौंपी गई है जिन पर विगत लंबित मांगों पर आज पर्यंत तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है वही दिसंबर 2020,दिनांक 10 फरवरी 2021, 5 जुलाई 2021 एवं 7 अगस्त 2021 को आवेदन प्रबंध संचालक कारखाना प्रबंधन एवं जिला प्रशासन सभी को सौंपी गई है यही नहीं कि कारखाना प्रबंधन को पहले भी 1 वर्ष पूर्व से इन्हीं मांगों को लेकर मांग करते आ रहे हैं जिन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है अतः निम्न मांगों को जल्द से जल्द निराकरण कर कारखाना अधिनियम एवं श्रम कानून को ध्यान में रखते हुए श्रमिक हित में कार्य नहीं किया जा रहा है इन सभी समस्त मांगों को कारखाना के कर्मचारी श्रमिक जिसमें लेबर से लेकर इंजीनियर तक कार्यरत हैं यह मांगे श्रम हित को ध्यान में रखते हुए रखी गई है अगर यह मांग प्रबंधन के द्वारा मानेगा नहीं , तो कारखाना के पूरे मजदूर एवं कर्मचारी उग्र होते जा रहें है समस्त विभागीय कार्य बंद रखने का निर्णय लिया गया है यह मांगे दिनांक 15 सितंबर 2021 को सात दिवस के भीतर मांग पूर्ण करने की अल्टीमेटम कारखाना प्रबंधन को सौंप दिया गया है यह 1 सप्ताह पूर्ण होने के बाद 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर टूल डाउन कर समस्त श्रमिक एवं कर्मचारी सभी विभागों का कार्य प्रभावित होता है तो इसका जिम्मेदारी स्वयं कारखाना प्रबंधन की होगी।

मांगे निम्न हैं – 

1.  भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में 2014 में श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं व मांगों पर प्रबंधन एवम् यूनियन के बीच सहमति बनाकर प्रस्ताव किया गया था कि रिक्त पद को भर्ती की जावेगी परंतु प्रबंधन की लापरवाही के कारण आज पर्यंत तक श्रमिक हित पर निर्णय नहीं लिया गया है

2.  दूसरा कारखाने के समस्त कार्यरत ठेका श्रमिकों के शैक्षणिक योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति पत्र जारी की जावे एवं नियुक्ति पत्र नहीं देने पर कार्यरत समस्त ठेका श्रमिकों को सैंक्शन पद के अनुरूप वेतन निर्धारित किया जाए एवं पद को अंकित किया जाए

3.  कारखाना में कार्यरत श्रमिकों का जो 10 वर्ष कार्य पूर्ण कर चुके हैं उन्हें फिक्स में लेकर वेतन वृद्धि कर दिया जावे

4. कारखाना अधिनियम की धारा 59(1) में स्पष्ट प्रावधान है कि ओवरटाइम के संदर्भ में (ऑर्डिनरी रेट्स आफ वेजेस इन ट्वाइस) दोगुना देना होगा जिसमें सप्ताहिक एवं शासकीय अवकाश; अतिरिक्त कार्य आता है

उक्त मांगों को यूनियन के द्वारा 1 जनवरी 2021 से लागू करने की मांग की गई है जो अभी तक लंबित है कारखाना प्रबंधन चाहे तो दो- दो, तीन- तीन माह में 1_1 माग बिंदु को निराकरण किया जा सकता था ,जोकि आज तक लंबित है |



 

 

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