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लॉकडाउन के दौरान भी जिला प्रशासन की सक्रियता से रुका नाबालिक का विवाह

कवर्धा l 26 अप्रैल 2021। कलेक्टर रमेश शर्मा द्वारा बाल विवाह कुरीति को समाज से समूल समाप्त करने के लिए जिले के सभी क्षेत्रो में पैनी नजर रखने व सजग रहने के निर्देश दिए है। जिस पर जिला कबीरधाम अंतर्गत ग्राम मानिकचैरी में एक नाबालिग बालिका की बाल विवाह कराए जाने की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को हुआ। सूचना पर त्वरीत जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, महिला सेल, ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष सदस्य सरपंच, सचिव, पंच आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन, कोटवार की टीम के साथ संयुक्त रूप से बालिका के घर जाकर बालिका की शैक्षणिक अंकसूची एवं जन्म प्रमाण पत्र का सूक्ष्म परीक्षण किए जिसके अनुसार बालिका की आयु 17 वर्ष 4 माह है, जो विवाह योग्य उम्र से कम है। नाबालिक के परिजनों द्वारा बताया गया कि उक्त विवाह आयोजन हेतु लोक सेवा केन्द्र बिरकोना से आवेदन कर गलत जानकारी देते हुए विवाह आयोजन हेतु अनुमति प्राप्त किया गया था जिसकी जानकारी होते ही तत्काल कार्यवाही करते हुये तहसीलदार कवर्धा द्वारा तत्काल आवेदन को निरस्त कर दिया गया।

महिला सेल थाना प्रभारी  रमा कोष्टी ने मौके पर उपस्थित लोगो को बाल विवाह से होने वाले शारिरीकक, मानसिक, स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव की विस्तृत जानकारी दिए साथ ही वर्तमान स्थिति कोविड-19 महामारी संक्रमण से बचाव हेतु सभी सुरक्षा उपायों मास्क, सैनेटाईजर एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करने समझाइस गई। महिला एवं बाल विकास विभाग से जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर ने नाबालिक बालिका व उनके परिवार एवं मौके पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी दी जिसमें 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना 1 लाख रूपए तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है की जानकारी दी गई। दोनो पक्षो को काफी समझाइस देने के बाद नाबालिक बालिका व परिवार जनों ने शादी रोकने सहमति दी और मौके पर ही बालक पक्ष को शादी स्थगित करने व बारात नही आने तथा बालिका का उम्र विवाह योग्य होने के पश्चात विवाह करने मोबाईल से जानकरी दिए जिस पर बाल विवाह रोकथाम दल ने विवाह स्थल पर पंचनामा एवं घोषणा पत्र तैयार कर बाल विवाह रूकवाया।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी पंचायतों में बाल संरक्षण समिति गठित है समिति में सरपंच पंच सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मितानिन शिक्षक एवं गांव के गणमान्य नागरिक शामिल है, जिन्हें बाल अधिकार संरक्षण विषय पर प्रशिक्षित किया गया है लोगों में जागरूकता आने से बाल विवाह पर पूर्णतः रोक लगाया गया है। उक्त बाल विवाह रोकथाम में  मनीष वर्मा तहसीलदार कवर्धा, बृजेश सोनी बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा परियोजना दश्सरंगपुर, राजेन्द्र गेंदले बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा परियोजना पण्डरिया, मुलचंद पाटले थाना प्रभारी पिपरिया विशेष सहयोग रहा एवं मौके पर रमा कोष्टी महिला सेल थाना प्रभारी,  सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, अविनाश सिंह ठाकुर परामर्शदाता, श्रीराम राजपूत आरक्षक थाना पिपरिया, सुखमत मेरावी, अजय जायसवाल, आशिष चंद्रवंशी आरक्षक महिला सेल कवर्धा,  सत्यभामा, शिव प्रसाद साहू संरपंच एवं अध्यक्ष बाल संरक्षण समिति, अनिल साहू पंच, सहोद्रा पाटिल  लक्ष्मी साहू, त्रिवेणी साहू सदस्य बाल संरक्षण समिति मनिकचौरी बालिका के परिवारजन एवं अन्य ग्रामवासी उपस्थित थे।



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