हर साल की तरह भी इस बार भी शहरी क्षेत्र में लक्ष्मी पूजा और गोवर्धन पूजा के दिन जमकर आतिशबाजी की गई है। पटाखा जलाने के दौरान कुछ लापरवाही करने के मामले भी सामने आए। इसके चलते झुलसने पर तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को अस्पताल ले जाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक सिम्स में 25 व जिला अस्पताल में 12 से ज्यादा मामले आए।
वही दोनों अस्पताल में पटाखे से झुलसने वालों के लिए विशेष व्यवस्था रही। ऐसे में सभी को तत्काल उपचार की सुविधा मिली। पर्व के दौरान एक राहत की बात यह भी रही कि कोई भी गंभीर रूप से नहीं झुलसा था। सभी की हालत सामान्य रही। हाथों के झुलसने के साथ आंखों से आंसू निकलने की समस्या लेकर लोग अस्पताल पहुंचे। उनमें से किसी को भी भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
ग्रामीण क्षेत्र में भी हुईं घटनाएं
ग्रामीण क्षेत्र में भी करीब दो दर्जन मामले अस्पताल पहुंचे हैं। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इसके लिए पहले से अलर्ट रहा। ऐसे में ग्रामीणों को भी उपचार की सुविधा मिली। रतनपुर में पांच, कोटा में तीन, बिल्हा में 10, मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पटाखे से जलने वाले आठ मामलों में उपचार किया गया।