बेमेतरा । 12 नवम्बर 2020-प्रदेश के आदिम जाति तथा अनुसुचित जाति विकास विभाग द्वारा अस्पृश्यता निवारण हेतु अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। योजना नियम 1978 के तहत विवाह करने वाले दम्पत्ति को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 मे बेमेतरा जिले के 4 दम्पत्ति को संयुक्त रूप से ढ़ाई-ढ़ाई लाख रूपए के मान से 10 लाख रु. की राशि स्वीकृत किये गये है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बेमेतरा ने बताया कि इनमें क्रमशः- दुर्गेश कुमार सतनामी ग्राम-लंेजवारा, तह-बेरला एवं कु. कुमनी, विनोद कुमार लखवानी ग्राम-वार्ड नं.13 तिल्दा कैम्प, पो.नेवरा जिला रायपुर एवं इन्द्राणी टण्डन, विवके दिवाकर ग्राम-सिंघनपुरी तह-नवागढ़ एवं संतोषी यादव, मनीष कुमार देशलहरे ग्राम-पिरदा थाना-बेरला पो आ-भिंभौरी एवं मीरा निषाद शामिल है।
ज्ञातव्य हो कि समाज में जाति, पाति, ऊंच-नीच के आधार पर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार को समाप्त करने के उद्देश्य से नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम – 1955 में अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का प्रावधान किया गया है। कानून द्वारा विवाह हेतु निर्धारित न्यूनतम आयु प्राप्त अनुसूचित जाति के लड़के अथवा लड़की द्वारा सामान्य वर्ग (संवर्ण) के लड़की अथवा लड़के से विवाह करने पर हितग्राही की पात्रता होगी। योजना के तहत संवर्ण लड़के अथवा लड़की के द्वारा अनुसूचित जाति की लड़की अथवा लड़के से अंतर्जातीय विवाह के साहसिक कार्य हेतु वर्तमान में प्रति जोड़ा ढ़ाई लाख रूपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने का प्रावधान हैै।
ज्ञात हो कि प्रदेश के आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत कानून द्वारा विवाह हेतु निर्धारित न्युनतम आयु प्राप्त अनुसूचित जाति के लड़के अथवा लड़की द्वारा सामान्य वर्ग (सवर्ण) के लड़की अथवा लड़के से विवाह करने पर इस योजना का लाभ दिया जाता है।