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कोरोना से जंग में “मास्क” है रक्षा कवच

बेमेतरा | 08 अक्टूबर 20-कोरोना से जंग में “मास्क“ हमारा रक्षा कवच है। कोरोना संक्रमण  से बचने के सरल किंतु प्रभावी उपाय हैं मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना और साबुन पानी से बीच -बीच में हाथ धोते रहना। मास्क क्यूं लगाना ये जानना भी जरूरी है। जब भी कोई व्यक्ति बात करता है, खांसता, छींकता या गहरी सांस भी लेता  है तो छोटी-छोटी बंूदे जिसे ’एरोसाल’ कहते हैं, मुंह या नाक से बाहर निकलती है। इन बंूदों के साथ वायरस भी बाहर आता है। यदि वह व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो कोरोना वायरस बाहर निकल कर 6 फीट कीे दूरी तक के व्यक्ति को भी पहुंचेगा और सामने वाले व्यक्ति के शरीर में भी वायरस पहुंच जाएगा। इसी से बचने के लिए सभी को मास्क लगाना और आपस में  6 फीट की दूरी रखना जरूरी है।

इसके अलावा उन सतहों, टेबल ,कुर्सी, रेलिंग या कोई भी ऐसी वस्तु जिसके आस पास कोई संक्रमित व्यक्ति छींका, खांसा हो ,उस सतह या वस्तु को छूने के बाद यदि हम अपने मुंह,नाक और आंखों को छूते हैं तो कोरोना वायरस हमारे शरीर मेे प्रवेश कर जाता है। कुछ व्यक्तियों को बीमारी के लक्षण नही दिखते हैं फिर भी वह संक्रमित रहता है। मतलब वह अनजाने में बीमारी फैला रहा है। इसीलिए बीमारी से बचने के लिए सभी को मास्क पहनने और भीड़ से बचने को कहा जाता है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि बंद जगहें ,बंद कमरों में समूह में रहने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर खुली जगह में रहकर गतिविधियां करनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के बंद स्थान पर रहने से संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और उसके उस स्थान से जाने के बाद भी वायरस वातावरण में रहता है।

मास्क पहनने के बाद उसकी समुचित साफ-सफाई भी जरूरी है। कपड़े के मास्क को साबुन,गर्म पानी और कीटाणुनाशक से धोना और धूप में सुखाना जरूरी रहता है। सर्जिकल मास्क चार घंटे तक ही प्रभावी रहता है।



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