कवर्धा | 05 सितम्बर 2020। पोषण अभियान अंतर्गत जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक विगत दिन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के., जिला पंचायत अध्यक्ष सुशीला भट्ट, जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत रामकुमार भट्ट एवं अभिसरण समिति के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
जिला स्तरीय अभिसरण समिति के बैठक में बताया गया कि समक्ष पोषण अभियान की रूपरेखा परिचय, पोषण अभियान के पांच लक्ष्य, जिले में कुपोषण एवं एनीमिया की स्थिति,एन.एच.एफ.एस के आकड़ों से तुलना, पोषण अभियान के पांच सूत्र, बच्चे के प्रथम एक हजार सुनहरे दिवस की महत्ता तथा शासन स्तर से प्राप्त अद्यतन निर्देशों, जिसमें गंभीर कुपोषित बच्चों का शीघ्र चिन्हान्कन एवं उन्हे संदर्भित किया जाना एवं कोविड-19 से संबंधित निर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक कार्यवाही किया जाना है। बच्चों की उत्तरजीविता में सुधार हेतु बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ उपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। पोषण माह के दौरान शीघ्र स्तनपान, 06 माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना है। साथ ही पोषण माह के दौरान पोषण वाटिका को बढ़ावा दिया जाना है। परिवारों समुदायों द्वारा पौष्टिक सब्जियां, फलदायक पौधों को घर की बाड़ियो, सामुदायिक बाड़िया, बंजर भूमियों में रोपण करने, छतों में पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाना हैं। बैठक में अंर्तविभागीय समन्वय से पोषण वाटिका निर्माण कार्य की व्यापक पंहुच से ’’सही पोषण-छत्तीसगढ़ रोशन’’ की अवधारणा के तहत् लक्ष्यों की पूर्ति करने आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने निर्देशित करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया किस प्रकार दूर किया जा सकता है, इस संबंध में पात्र हितग्राहियों का आयरन फालिक एसिड, आयरन सिरप, विटामिन ए की खुराक, अल्बेण्डाजोल की गोली आदि के वितरण में निरंतरता रखे जाने एवं 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति हो। बैठक में अंतर्विभागीय समन्वय के द्वारा कुपोषण प्रबंधन विभागवार दायित्वों से अवगत कराया गया। राजस्व विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, खाद्य विभाग, पंचायत विभाग आदि को कुपोषण एवं एनीमिया दूर किए जाने के संबंध में अपेक्षित कार्यो की जानकारी दी गई एवं समन्वय के साथ इस लड़ाई में भागेदारी में साथ दिए जाने निर्देशित किया गया। पोषण अभियान कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिले में सौ प्रतिशत टीकाकरण, गर्भवती माताओं की एएनसी जांच, आई.एफ.ए. टेबलेट वितरण, कृमिनाशक दवाईयों का वितरण, आयरन सिरप आदि का वितरण किए जाने तथा एनीमिक बच्चों एवं 15-49 आयुवर्ग की एनीमिक महिलाओं के चिन्हान्कन के निर्देश दिए गए। चिन्हान्कित एनीमिक महिलाओं एवं बच्चों को आवश्यक परामर्श स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से गृहभेंट के माध्यम से दिए जाने के निर्देशित किया गया।
कुपोषित बच्चां तथा एनीमिया पीड़ित महिलाओं एवं बच्चों के चिन्हान्कन के विषय में कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा निर्देश दिए गए कि हितग्राहियों की सूची आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर तक संधारित कम वजन के बच्चों, एनीमिया पीड़ित बच्चों, गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं एवं 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया तथा कुपोषण से उबारने हेतु परामर्श सेवायें तथा शासन की योजनाओं की जानकारी, साफ सफाई के संबंध में जागरूक कर पोषण स्तर में सुधार हेतु प्रयास किए जाने के निर्देश दिए गए। बच्चों में डायरिया प्रबंधन जिंक व ओआरएस घोल की उपलब्धता हेतु आवश्यक चर्चा एवं सौ प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंच तथा उपयोग सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में एवं आसपास स्वच्छता का वातावरण बनाए रखने एवं पेयजल एवं शौचालय विहीन केन्द्रें में उपरोक्त सुविधा विकसित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के संबंध में कलेक्टर ने जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से चर्चा की गयी।
उद्यानिकी विभाग को हर घर लक्ष्यित कर महिला बाल विकास के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित कर मुनगा, पपीता के पौधों के रोपण का लक्ष्य दिया गया। इस हेतु आवश्यक तैयारी किए जाने के निर्देश दिए गए। साथ ही आसानी से घरों पर उगाए जाने वाली सब्जियां यथा पालक, मुनगा, भिण्डी, सेम आदि के संबंध में लोगों में जागरूकता लाने एवं बीज वितरण तथा आंगनबाड़ियों में पोषण वाटिका विकसित करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्कुल संचालित नहीं है परन्तु आनलाईन पद्यति से एवं मोहल्ला क्लास , पढ़ई तुहर दुआर आदि के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है उपरोक्त में कुछ समय पोषण विषय पर भी रखे जाने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया।राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत माह सितम्बर में पूरे माह में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी दी गई, जिसमें 30 सितम्बर 2020 तक आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय पोषण मास को यथा आवश्यकता डिजिटल जन आंदोलन के रूप में मनाया जाना है ,जिसमें तकनीक एवं समन्वय का उपयोग करते हुए वर्चुवल बैठक, सोशल मिडिया, मास मिडिया, प्रिन्ट मिडिया का वृहत् स्तर पर उपयोग किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देशित किया गया।
अनुविभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय पोषण अभियान, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान आदि विषयों पर अनुविभाग स्तर पर नियमित समीक्षा कर सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करने कलेक्टर जिला कबीरधाम निर्देशित किया गया। मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को त्रिस्तरीय पंचायती राज अंतर्गत ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत के माननीय जनप्रतिनिधियों को बच्चों को सुपोषित करने तथा एनीमिया मुक्ति में अधिकाधिक रूप से भागेदारी हेतु संवेदीकृत करने निर्देशित किया गया। जिला स्तरीय अभिसरण कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। रेडी टू ईट फूड की गुणवत्ता एवं वितरण सौ प्रतिशत किए जाने के संबंध में महोदय व्दारा परियोजनावार रेडी टू ईट के मिश्रण में सही अनुपात में सामग्रियों के मिलान एवं उच्च गुणवत्ता ही कच्ची सामग्रियों के उपयोग सुनिश्चित करने विकासखण्ड स्तर पर जिम्मेदारी अनुविभागीय अधिकारी(रा.) को पूरक पोषण आहार वितरण की सतत् पर्यवेक्षण तथा आंगनबाड़ीे केन्द्रवार मानिटरींग करने के निर्देश कलेक्टर ,जिला कबीरधाम व्दारा दिए गए।