नई दिल्ली | 02 सितंबर 2020 भारत और चीन (India-China Rift) के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है. अब तक चीन दो दिन में 2 बार घुसपैठ की नाकाम कोशिश कर चुका है, जिसके बाद भारतीय सेना (Indian Army) को LAC के लोकेशन से आगे बढ़ना पड़ा है. भारतीय सुरक्षाबलों ने आगे घुसपैठ को रोकने के लिए वाहनों को तैनात कर दिया है. भारतीय जवान चीनी सैनिकों की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर हैं.
पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर दोनों पक्षों के बीच हुए टकराव से उत्पन्न तनाव को कम करने के लिए एक तरफ सैन्य दौर की बातचीत चल रही है. वहीं, दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ताजा हालात को लेकर हाईलेवल मीटिंग की. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख नरवने समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
चीनी सैनिकों ने किन इलाकों में घुसपैठ की कोशिश?
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, घुसपैठ की ये कोशिश उन इलाकों में की गई है, जिसे चीन बड़े पैमाने पर अपने मानचित्र में दिखाता है. चीन ने 29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर घुसपैठ की कोशिश की थी. भारतीय जवानों ने उसे नाकाम कर करते हुए पूरे इलाके पर कब्जा कर लिया. इसके बाद मंगलवार को रेकिन ला के पास घुसपैठ की कोशिश हुई, जो रेजांग ला से बहुत दूर नहीं है.
चीन की हरकत पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
चीन की हरकत पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था, क्योंकि 29-30 अगस्त की रात के बाद चीनी सैनिकों ने सोमवार की रात को भी घुसैपठ की कोशिश की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्त्व ने कहा कि तनाव को कम करने के लिए सैन्य स्तर की बातचीत हो रही है, लेकिन इसी बीच चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की फिर कोशिश की. श्रीवास्तव ने कहा कि हमने राजनयिक और सैन्य माध्यम से चीन के सामने मामला उठाया.
चुमार क्षेत्र में मंगलवार को देखी गई चीनी सेना की बख्तरबंद गाड़ियां
सेना के सूत्रों ने कहा कि चुमार क्षेत्र में चीनी सेना की लगभग 7 से 8 बख्तरबंद गाड़ियां चेपुजी कैंप से भारतीय क्षेत्र की ओर बढ़ रही थीं, लेकिन यह चीन की ओर से नियमित गश्त करने का था. वहां घुसपैठ की कोई कोशिश नहीं हुई. भारतीय सैन्य उपकरणों और हथियारों की आवाजाही पर एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने कहा, ‘एक विशेष क्षेत्र के लिए जो कुछ भी आवश्यक था, उन्हें किया गया. सैन्य उपकरण और हथियार पहाड़ियों में पैदल सेना और मैदानी इलाकों के लिए सबसे उपयुक्त होगा.’
भारत पर समझौतों के उल्लंघन करने का आरोप मढ़ने लगा है चीन
उधर, पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण करने की ताजा कोशिश नाकाम रहने से चीन बुरी तरह बिलबिला उठा है. अब वह उल्टे भारत पर समझौतों के उल्लंघन करने का आरोप मढ़ने लगा है. भारत में चीन के दूतावास ने अपने विदेश मंत्रालय का राग अलापते हुए कहा है कि भारतीय सैनिकों ने 31 अगस्त को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का अतिक्रमण कर लिया. चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारतीय सैनिकों ने अतिक्रमण करने के बाद उकसावे की कार्रवाई की जिससे सीमाई इलाकों में फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत के इस कदम से चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का घोर उल्लंघन हुआ है. इसने दोनों देशों के बीच हुए संबंधित समझौतों, प्रोटोकॉल्स और महत्वपूर्ण सहमतियों की गंभीर अवहेलना की है.’
पेंगोंग 29/30 अगस्त की दरम्यानी क्या हुआ था?
बता दें कि भारतीय सेना ने सोमवार को ही चीन की हरकतों से पर्दा उठा दिया था. भारतीय सेना ने पेंगोंग त्सो एरिया में चीन के आक्रामक रवैये को लेकर बताया कि 29/30 अगस्त की दरम्यानी रात को पीएलए के सैन्य दलों ने उस सहमति का उल्लंघन किया, जो पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के दौरान सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के दौरान बनी थी. चीनी सैनिकों ने यथास्थिति को बदलने के लिए उकसावे की सैन्य गतिविधियां कीं.’ हालांकि, भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि बीते दो दिनों में भारत-चीन के सैनिकों के बीच कोई झड़प नहीं हुई, क्योंकि वहां कोई सीधा संपर्क या जुड़ाव नहीं हुआ. सूत्रों ने कहा कि इस क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन सैनिक अलर्ट पर हैं.