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कबीरधाम ज़िले में चालू वित्तीय वर्ष पर मनरेगा मजदूरों को मिला 98 करोड़ 52 लाख से अधिक का मजदूरी राशि

64 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार देकर  6950 परिवारों को मिला 100 दिनो का रोजगार
जल संवर्धन के कार्यों से ग्रामीणों को आजीविका के साथ जोड़ा गया

कवर्धा | 30 जुलाई 2020। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की मूल आवधाराणा हर हाथ को काम, काम का पूरा दाम है जो आज के इस माहौल में पूरा होता दिख रहा है। वैश्विक महामारी कोराना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों को मनरेगा योजना में काम कर 98 करोड़ 52 लाख रूपये से अधिक का मजदूरी भूगतान कबीरधाम के ग्रामीणों को मिला है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के माह अप्रेल से जुलाई अंत तक ग्रामीण परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में मनरेगा योजना ने पूरा योगदान दिया है। जनपद पंचायत कवर्धा, बोड़ला, स.लोहारा एंव पंडरिया क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में वैश्विक महामारी के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान भी जिले में औसतन 1.50 लाख मजदूरों को नियमित रोजगार मिलता रहा हैं। यही कारण है कि इस वित्तीय वर्ष में अब-तब 67 लाख 91 हजार से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजनित करते हुए ग्रामीण परिवारों को औसत 44 दिवस से अधिक का रोजगार, प्रति परिवार उपलब्ध कराया गया है। इस तरह जिले के 1,48,441 पंजीकृत परिवारों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया गया है।

कलेक्टर कबीरधाम रमेश कुमार शर्मा जानकारी देते हुए बताते है कि वर्तमान में ग्रामण क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी योजना संजीवनी सिद्ध हुई है। लॉकडाउन के दौरान शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर नहीं थें तो वहीं जिले के ग्रामीण मनरेगा योजना से जुड़ कर रोजगार पाते रहे और समयबद्ध मजदूरी भुगतान से ग्रामीणों को आर्थिक सहायता मिला है । यही कारण है कि बाहर से वापस आकर अपने गांव में बसे प्रवासी मजदूरों ने भी अपना नाम रोजगार गारंटी योजना में पजीयन कराकर रोजगार पाया है। कलेक्टर  श्री रमेश कुमार शर्मा ने आगे बताया कि जिले में अब तक 6000 से अधिक प्रवासी मजदूरों का पंजीयन कर रोजगार के अवसर दिये जा चुके है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम  विजय दयाराम के. ने जानकारी देते हुए बताया की कबीरधाम जिले में निरंतर रोजगार का अवसर ग्रामीणों को मिले है जिसका नतीजा है कि राज्य  में 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किये परिवारों में कबीरधाम जिला के सर्वाधिक है । ज़िले के 6950 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार दिया जा चूका है। इसी तरह निर्माण कार्यो के साथ आजीविका संवर्धन के गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हितग्राही मूलक कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर कराया गया । जिसका नतीजा है कि जिले में बड़ी संख्या पर डबरी एवं कुंआ निर्माण जैसे कार्य हुए है। इन कार्यो से हितग्राही अपने बाड़ी एवं खेतो के सिंचाई के लिए आत्मनिर्भर हो सकेंगे। हितग्राही ऐसे कार्यो से सिधे लाभान्वित हो रहे है, बाड़ी में पानी का स्त्रोत मिल जाने से खेती किसानी का कार्य आसान हो गया है। मौसमी सब्जीयां एवं फसलों का उत्पादन हो रहा हैं। जिसे पास के बाजार में बेच कर हितग्राही आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे। जबकि इन निर्माण कार्यो का मजदूरी भुगतान हितग्राही को पहले ही प्राप्त हो चुके है, जो उन्हें एक कार्य से अनेक लाभ देने जैसा है। विजय दयाराम के. ने आगे बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब-तक 3100 से अधिक निर्माण कार्यो को पूरा किया जा चूका है, जिसमें जल संर्वधन के कार्य सर्वाधिक किए गए है। इन कार्यो में नरवा के तहत जिले के विभिन्न बहते नालों का ट्रीटमेन्ट किया गया है, तालाब गहरीकरण कार्य, नया तालाब निर्माण कार्य एवं डबरी निर्माण जैसे  कार्य शामील है।

ज्ञात हो कि रोजगार गारंटी योजना के कार्यो में जिले के महिला एवं पुरूषों ने कन्धे से कन्धा मिला कर कार्य किया है। अब-तब जहां 33 लाख पुरूषों को रोजगार मिला है तो वहीं 31.30 लाख महिलाओं ने भी रोजगार करते हुए अपनी आजीविका कमाई है। रोजगार के लिए संकट के इस दौर में  ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में मनरेगा योजना सहायक सिद्ध हुई है। जिले के ग्रामीण अंचलो में 98 करोड़ से अधिक का मजदूरी राशि का भुगतान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाये रखने में सहायक  होगा जो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से समाज के हर वर्ग के लिए उपयोगी होगा।



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