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कोरोना पॉजिटिव बेफिक्र घूमता रहा, निगेटिव को कर दिया भर्ती, जानें पूरा मामला

गोरखपुर कोरोना महामारी के इस संवेदनशील दौर में भी कई जगहों पर स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला यूपी के गोरखपुर में मिला है। यहां कर्मचारियों ने कोरोना निगेटिव व्यक्ति को कोविड-19 के उस वार्ड में भर्ती कर दिया, जहां चारो ओर संक्रमित मरीजों का घेरा था। लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई। कोरोना का जो पॉजिटिव केस था, उसे 15 घंटे उस क्वारंटाइन वार्ड में खुला छोड़ दिया गया, जहां कोई संक्रमित नहीं था। कोरोना मरीज ने क्वारंटाइन वार्ड में कितने संदिग्धों, आए-गए लोगों, कर्मचारियों और डाक्टरों को संक्रमित किया, इसका सही जवाब किसी भी जिम्मेदार के पास नहीं है।

यह पूरा मामला दरअसल मिलते-जुलते नाम की गफलत में होना बताया जा रहा है। शाहपुर, बेलघाट का एक व्यक्ति टीबी अस्पताल में क्वारंटाइन था। स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को उसे संक्रमित बताकर मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया, जबकि उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव थी। वहीं दूसरी ओर, रायपुर (पीपीगंज) के कोरोना संक्रमित व्यक्ति को कर्मचारियों ने टीबी अस्पताल के क्वारंटाइन वार्ड में रख दिया जहां उसे नहीं रखना चाहिए था। यह व्यक्ति मुंबई से आए उन्हीं चार लोगों में शामिल था, जिनकी रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव आई थी।

भूल सुधार के नाम पर भी हुई चूक

शुक्रवार को इस बड़ी गलती का अहसास होने पर विभाग ने भूल सुधार के नाम पर जो कदम उठाए विशेषज्ञ उसे भी चूक मान रहे हैं। पॉजिटिव मरीज को तो कोरोना वार्ड में भर्ती कराना ठीक है, लेकिन 15 घंटे तक संक्रमितों के बीच रहे उस निगेटिव व्यक्ति को बगैर जांच के दोबारा उस क्वारंटाइन वार्ड में लाकर रखे जाने पर एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए हैं।

दूध के लिए तड़प गए मासूम बच्चे

कर्मचारियों की लापरवाही से सबसे ज्यादा प्रभावित कोरोना निगेटिव शख्स का परिवार हुआ। पीड़ित ने बताया कि मैं कहता रहा कि मेरी रिपोर्ट निगेटिव है, लेकिन मुझे जबरन एंबुलेंस में बैठा दिया गया। अपनी परेशानी तो मैंने सह ली, लेकिन मेरे 4, 7 और 9 साल के बच्चे दूध और भोजन के लिए तड़प कर रह गए। माता-पिता, फूफा समेत 16 लोगों को बेवजह क्वारंटाइन कर दिया गया।

वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी अब इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने इस घटना को लेकर कहा कि दो मरीजों के नाम एक जैसे होने के कन्फ्यूजन में ऐसा हुआ है। इसकी जांच कराई जा रही है कि गलती किससे और कैसे हुई।

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