मंत्री व कवर्धा विधायक अकबर और कलेक्टर से हेल्प लाईन पर संपर्क कर मांगी थी मदद
कवर्धा, 09 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस के रोकथाम और नियत्रंण के लिए जारी लाॅकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों और मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है। इसके तहत कबीरधाम जिले के 4 हजार 799 श्रमिकों के समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है। संबंधित राज्य सरकार व स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा संकट में फंसे श्रमिको को राशन समाग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है। सभी श्रमिकों को संपर्क करते हुए जिस जगह पर वर्तमान में है, वही रहकर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लाॅकडाउन का पालन करने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण और रोकथाम के लिए लाॅकडाउन किया गया है। इस लाॅकडाउन में कबीरधाम जिले के मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए है। मुख्यमंत्री बघेल द्वारा लाॅकडाउन में फंसे श्रमिकों और अन्य लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कलेक्टर अवनीश कुमार शरण द्वारा कबीरधाम जिले में दूसरे राज्यों में फसे संकटापन्न जरूरत पंजीकृत श्रमिकों, कर्मकारांे को आवश्यकतानुसार तत्कालिन सहायता पहुंचाने के लिए जिला हेल्प लाईन नम्बर 07741-232609 6265363846, 8959375295, 9425245724 जारी किया है। इस हेल्प लाईन नम्बर के माध्यम से संपर्क कर अन्य राज्यों मे फंसे श्रमिको ने मदद मांगी थी। इसके अलावा श्रमिकों ने कवर्धा विधायक व राज्य सरकार के वन, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर से भी दूरभाष पर चर्चा कर मदद की गुहार लगाई थी। मंत्री अकबर ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के समस्याओं का समाधान करने के लिए कबीरधाम कलेक्टर अवनीश कुमार शरण को त्वरित मदद पहुंचाने के लिए कहा गया था।
कलेक्टर शरण ने इस संबंध में 13 अलग-अलग राज्यों के 35 जिला कलेक्टरों को सीधे पत्र लिख कर लाॅकडाउन में फंसे मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए आग्रह किया था। कलेक्टर ने इसके लिए श्रमिको के नाम और उनके मोबाईल नम्बर भी प्रेषित किया था, ताकि उन्हे तत्काल ट्रेस कर उनके समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके। राज्य सरकार और जिला प्रशासन के इस प्रयास से कबीरधाम जिले के 4 हजार 799 श्रमिकों केा मददा पहंचाई गई है। इस संबंध में संबंधित जिला कलेक्टरों ने पत्र लिखकर उनके द्वारा पहुचाई गई मदद की जानकारी से आवगत कराया गया है।
जिला श्रम अधिकारी शोयब काजी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान श्रमिकों, कर्मकारांे को आवश्यकतानुसार तत्कालिन सहायता पहुंचाने के लिए जिला हेल्प लाईन जारी किया गया था। उन्होने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान अन्य राज्यों के 35 शहरों में फंसे श्रमिकों ने मदद मांगी थी। श्रमिकों के समस्याओं को कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद सभी जिले के कलेक्टर पत्र लिखकर श्रमिकों के मदद के लिए आग्रह किया गया था। उन्होने बताया कि महाराष्ट्र प्रदेश के पुणे में 1162 मजदूर नागपुर में 19 मजदूर, कोल्हापुर में 25 मजदूर, सांगली में 62, मुम्बई में 10, उत्तर प्रदेश के जिला लखनाउ में 1223, गौतम बुद्धनगर में 25, आगरा में 105, कानपुर में 65, सुल्तानपुर में 280, इलाहाबाद प्रयासगराज में 157,बनारस में 30, तेलगांना राज्य के हैदराबाद में 437, नालगोण्डा में 35, सिकंदराबाद में 5, कर्नाटक राज्य के रामनगर में 220, बंगलुर में 190, आंधप्रदेश राज्य के विजयावाड़ा में 14, मध्यप्रदेशके भोपाल में 40,बालाघाट जिलें में 5, सतना जिले में 20, शिवपुरी में 27, ग्वालियर में 39, मण्डला में 2 और राजस्थान के जोधपुर जिले में 28, गुजराज राज्य के सुरत जिले में 51, भरूज जिले में 100, अहमदाबाद जिले में 270, बडोदरा जिले में 68, अंगलेश्वर जिले में 80, जम्मू काश्मीर राज्य के जम्मू में 100, पश्चिम बंगाल के कोलकत्ता में 5, हरियाणा राज्य के फरिदाबाद में 39, दादर नगर हवेली में 11 और दिल्ली के गुडगांव में 50 श्रमिकों कुल जिले 4799 है। सभी श्रमिको को संबंधित जिला प्रशासन के श्रम विभाग व स्थानीय प्रशासन द्वारा मदद पहुंचाई जा रही है।
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