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नरवा विकास योजना के तहत कवर्धा वन मंडल में जल संरक्षण के लिए किया जा रहा कार्य

नरवा, नालों को पुर्नजीवित करने के लिए लूज बोल्डर चेकडेम, ब्रशवुड चेकडेम, मिट्टी के छोटे-छोटे बंधान, 30-40 संरचना तथा परकुलेशन टेंक, वाटरहोल का किया जा रहा निर्माण

बुद्व पूर्णिमा के अवसर पर कवर्धा वनमंडल में नरवा वाक् का हुआ आयोजन

कवर्धा, 17 मई 2022। राज्य शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत् अति महत्वाकांक्षी योजना अंतर्गत नरवा विकास योजना एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके अंतर्गत पूरे छत्तीसगढ़ के नरवाओं के जलग्रहण क्षेत्र का उपचार किया जा रहा है जिससे पूरे क्षेत्र में वाटर लेबल की पर्याप्त उपलब्धता के साथ वहां के आसपास के लोगों के लिए पानी की उपलब्धता तथा वनक्षेत्र में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को भी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सके। इसी तारतम्य में कवर्धा वनमंडल अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार वर्ष 2021-22 के कैम्पा ए.पी.ओ. अनुसार 21 नालों में भू-जल संरक्षण कार्य का उपचार किया जा रहा है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी (कैम्पा) रायपुर  व्ही.श्रीनिवास राव एवं मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वृत्त दुर्ग बी.पी.सिंह ने कवर्धा वनमंडल में नरवा विकास योजना के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यों का गत दिनों निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वनमंडल के सभी स्तर के अधिकारी (वनमंडलाधिकारी से वनरक्षक तक) उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारी एवं कर्मचारियों को भू-जल संरक्षण कार्य के तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया। कवर्धा वनमंडल कवर्धा के वनक्षेत्रों के 21 नालों पर भू-जल संरक्षण कार्य के तहत् नरवा विकास परियोजना लगातार संचालित है जिसमें नरवा, नालों को पुर्नजीवित करने के लिए लूज बोल्डर चेकडेम, ब्रशवुड चेकडेम, मिट्टी के छोटे-छोटे बंधान, 30-40 संरचना तथा परकुलेशन टेंक, वाटरहोल का निर्माण किया जा रहा है।

वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह ने बताया कि 16 मई 2022 बुद्व पूर्णिमा के अवसर पर कवर्धा वनमंडल में नरवा वाक् का आयोजन किया गया। जिसमें वनमंडल अंतर्गत नरवा विकास योजना के तहत् संचालित भू-जल संरक्षण कार्य को क्षेत्र के स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ वनमंडल के सभी स्तर के अधिकारी, कर्मचारियों के द्वारा नरवा पर पैदल चलकर विभिन्न प्रकार के निर्मित संरचनाओं से अवगत कराया गया तथा नरवा विकास से मनुष्य एवं वन्यप्राणियों के समन्वित लाभ के संबंध में चर्चा की गई। नरवा वाक् के अंतर्गत वनमंडल के सभी परिक्षेत्रों यथा-वन परिक्षेत्र-कवर्धा, तरेगांव, सहसपुर लोहारा, रेंगाखार, खारा, पंडरिया पूर्व, पंडरिया पश्चिम एवं भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा, चिल्फी में जन जागरूकता जगाने के लिए विभिन्न नरवा, नाले पर प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक ग्रामीणों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ नाला पदयात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों को कराए गए कार्यो का वनक्षेत्र में भ्रमण कराकर अवलोकन कराया गया। ग्रामीणों को कार्य की महत्ता के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया साथ ही यह दिखाया गया कि इस कार्य में नरवा का अवश्य पुनरोद्धार होगा और आसपास के गांवो के तालाब, कुंए, नालों में पानी का जलस्तर उपर उठेगा। इस योजना के तहत ग्रामीणों को नरवा विकास योजनांतर्गत मजदूरी मूलक कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। कवर्धा वनमंडल अंतर्गत प्रतिमाह (60-70 हजार) साठ से सत्तर हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।



 

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