ग्रामी खाम्ही में पिछले साल की तुलना में गन्ना का रकबा बढ़ा, धान का रकबा सिमटा
गिरदावारी में लगे आरआई एवं पटवारियों को सतर्कता के साथ शुद्धतापूर्वक गिरदावारी करने तथा समय सीमा में ऑनलाईन एंट्री पूर्ण कराने के निर्देश दिए
कवर्धा l 12 सितंबर 2020। कबीरधाम जिले की प्रभारी सचिव एवं कृषि उत्पादक आयुक्त डॉ एम गीता ने आज शनिवार को कबीरधाम जिले के एक दिवसीय प्रवास के दौरान कवर्धा विकासखण्ड के ग्राम खाम्ही और जिले के आखिरी ग्राम पंचायत अगरी में चल रहे गिरदावरी कार्यों का जायजा लिया। प्राभारी सचिव के साथ कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के, कवर्धा एसडीएम विशेष रूप से उपस्थित थे। प्रभारी सचिव डॉ एम गीता ने गिरदावरी के कार्यों का जायजा लेते आरआई, पटवारी एवं राजस्व विभाग के अन्य अमलों को निर्देशित करते हुए कहा कि गिरदावरी का तात्पर्य केवल फसलों के आंकलन और सर्वें तक सीमित नहीं है। गिरदावरी एक संबंधित ग्राम पंचायत का वह आईना है, जिसके माध्यम से हम संबंधित गांव में हुए अमुलचुक परिवर्तन को भी रेखांकित करना है। इसके अलावा अभिलेख त्रृटि को भी दुरस्त करना है। प्रभारी सचिव ने ग्राम खाम्ही पहुंच कर वहां किए गए गिरदावरी कार्यों की जानाकरी ली। यहां राजस्व विभाग के अमलों बताया कि ग्राम खाम्ही में पिछले वर्षों की तुलना में किसानों ने इस वर्ष गन्ना खेती में रूचि दिखाई हैं, लिहाजा इसकी वजह से गन्ना के फसल में 4 हैक्टेयर की बढ़ा है। इसी प्रकार किसानों के धान की खेती में रूचि नहीं दिखाई है ,जिसकी वहज से यहां पिछले वर्ष की तुलना में धान का रकबा 5 हैक्टेयर घटा है। इसी प्रकार इस वर्ष दलहन तिलन की खेती भी अच्छी हुई है।
प्रभारी सचिव डॉ एम गीता ने गिरदावरी कार्य का जायजा लिया तथा किसानों को लाभकारी फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने गिरदावरी कार्यों में लगे राजस्व अमलो को नक्शा-खसरा के मूल दस्तावेज को लेकर फील्ड पर नही ले जाने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसकी छाया प्रति साथ में रखे। पटवारियों द्वारा किए जा रहे गिरदावारी का निरीक्षण किया और जमीन का खसरा नम्बर तथा खेत में लगे फसलों के रकबे का मिलान भी किया। उन्होंने गिरदावारी में लगे आरआई एवं पटवारियों को सतर्कता के साथ शुद्धतापूर्वक गिरदावारी करने तथा समय सीमा में ऑनलाईन एंट्री पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होने पटवारी और आरआई से पूछ-ताछ कर आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने स्वयं खसरा नम्बर से जमीन पर बोए गए फसल के क्षेत्रफल का बारीकी से मिलान किया। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के लिए गिरदावरी महत्वपूर्ण कार्य है। इसी के आधार पर किसानों का पंजीयन होगा और अन्य राज्यों से अवैध रूप से धान बेचने वालो पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इसलिए गिरदावारी का कार्य सतर्कतापूर्वक करें। जरूरत के अनुसार किसानो को भी साथ में लेकर वास्तविक क्षेत्र में बोये गए धान का क्षेत्रफल दर्ज करें। गिरदावारी में कोई लापरवाही नही होनी चाहिए। राजस्व अधिकारी सतत निगरानी करें और स्वयं भी गिरदावारी का भौतिक सत्यापन करें।