बेमेतरा | 22 जून 2020ः- छ.ग. शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति, मकान क्षति, जन-हानि व पशु क्षति एवं अन्य क्षतियों के लिए आर्थिक सहायता अनुदान प्रदाय किये जाने के प्रावधान है। इसका उद्देश्य पीड़ितों को तत्कालिक आर्थिक सहायता 15 दिवस के भीतर उपलब्ध कराना है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी शिव अनंत तायल ने एक पत्र जारी कर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए है कि प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के प्रकरण तैयार करते समय अधिकारी मानवीय सहानुभूति का ध्यान रखते हुए समय-सीमा के भीतर प्रकरण तैयार करे। प्रायः यह देखा जा रहा है कि आर्थिक सहायता से संबंधित प्रकरणों को विलंब होने के बाद भी बिना विलंब का कारण दर्शाये प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है, साथ ही प्रकरण में संलग्न पुलिस जांच रिपोर्ट, शव परीक्षण रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, पटवारी प्रतिवेदन की भी सूक्ष्मता से जांच के बिना ही आर्थिक सहायता अनुदान स्वीकृति की अनुशंसा कर प्रेषित किया जाता है। अनेक बार पंचनामा व मृत्यु प्रमाण पत्र में तिथि में भिन्नता भी होती है। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि भविष्य में आर्थिक सहायता अनुदान से संबंधित प्रकरणों का सूक्ष्मता से जांच कर बिना विलंब के स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करे। प्रकरण में अनावश्यक विलंब होने से जवाबदारी तय की जायेगी। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक को पत्र की प्रतिलिपि प्रेषित करते हुए कहा है कि प्राकृतिक आपदा बाढ़-पानी में डूबने, आग तथा बिजली (गाज) गिरने से किसी व्यक्ति की मृत्यु की जांच प्रतिवेदन थाना प्रभारी के जरिए संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश दिए है।
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