प्रवासी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा राहत शिविर में भरपेट भोजन कराने के निर्देश
कलेक्टर ने कहा-कोई भी श्रमिक पैदल न चलें, उनके गांव और जिले की सीमा तक बसों से पहुंचना सुनिश्चित करें
कवर्धा |15 मई 2020। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने आज कवर्धा-जबलपुर मुख्य मार्ग के जिले की अंतिम सीमा तथा राज्य के प्रवेश द्वार धवईपानी (चिल्फी) पर कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के बचाव के लिए संचालित बैरियर (चेकपोस्ट) का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की जा रही श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कार्यो का जायजा लिया। कलेक्टर के साथ जिला पंचायत के सीईओ विजय दयाराम के. ने भी चेक पोस्ट का मुआयना किया। इस अवसर पर बोड़ला अनुविभागीय अधिकारी विनय सोनी, जनपद सीईओ श्री जे.आर. भगत, थाना प्रभारी आनंद शुक्ला, नायब तहसीलदार अमन चतुर्वेदी विशेष रूप से उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री शरण ने जिले के अंतिम अथवा राज्य के प्रवेश द्वार चिल्फी, धवईपानी, चेकपोस्ट का निरीक्षण करते हुए, वहां पहले से उपस्थित अन्य राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों से भेट कर हाल-चाल जाना। कलेक्टर द्वारा पूछताछ में श्रमिकों ने बताया कि सभी श्रमिक मध्यप्रदेश के भोपाल से आ रहे है। सभी छत्तीसगढ़ के मुंगेली, जांजगीर-चांपा और कबीरधाम जिले के रहने वाले है। श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन से सभी लोग वहां फंसे हुए थे। श्रमिकों ने बताया कि अपने राज्य की सीमा में पहुंचने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि हम सब अपने घर पहुंच गए है। कलेक्टर ने सभी श्रमिकों को राजाढार स्थित संचालित राहत शिविर में भोजन भी कराया।
कलेक्टर शरण ने अनुविभागीय अधिकारी सोनी को निर्देशित करते हुए कहा कि अन्य राज्यों से जो भी श्रमिक राज्य की सीमा में पहुंचते है, सबसे पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। इसके बाद सीधे राहत शिविर में लाकर भरपेट भोजन कराएं। प्रवासी श्रमिक अगर कबीरधाम जिले के निवासी है, तो उनका गांव पूछा जाएं और उनके गांव से संबंधित क्वारेंटाईन सेंटर तक बस से पहुंचाए। अगर इस राज्य के अन्य जिले के निवासी है, तो उन सभी श्रमिकों को उनके जिले की सीमा तक बसों के माध्यम से पहुंचाना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर शरण ने एसडीएम को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी प्रवासी श्रमिक अथवा नागरिक भूखा नहीं रहना चाहिए। पैदल जाने के लिए बिल्कुल न कहे। अगर तत्काल बस की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो बस के आने का इंतजार करें, उसके बाद उनके गांव अथवा जिले की सीमा तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर शरण ने चेकपोस्ट के अलावा चिल्फी में संचालित दोनो क्वारेंटाईन सेंटर का निरीक्षण करते हुए, दूसरे प्रांतों से आए लोगों से भेंट कर उनका हॉल-चाल जाना तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
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