भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज ममता बनर्जी के गढ़ मालदा जिले में गरजेंगे। वह यहां विपक्ष के हर एक हमले का जवाब दे सकते हैं। इस रैली को बंगाल में भाजपा के चुनावी अभियान के आगाज के रूप में भी देखा जा रहा है। 2014 में उत्तर और पश्चिम भारत को अपनी पॉलिटिक्स का केंद्र बनाने वाली भाजपा ने आम चुनाव से पहले अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए लूक ईस्ट की नीति अपनाई है।
हिंदी पट्टी में होने वाले नुकसान से आशंकित पार्टी इसकी भरपाई पूर्व और पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र से करना चाहती है। बीमारी से लौटने के बाद यह कार्यक्रम होगा जिसमें अमित शाह शिरकत करेंगे।
दरअसल, ममता ने 19 जनवरी को जिस तरह विपक्षी एकता और महागठबंधन की एक विशाल झलक दिखाई, उसे लेकर अमित शाह की रैली को बेहद अहम माना जा रहा है। भाजपा की उम्मीदें पश्चिम से ज्यादा उत्तर बंगाल की सीटों पर टिकी हैं, इसलिए अमित शाह अपना चुनावी अभियान मालदा से शुरू करने जा रहे हैं। 2014 में मोदी लहर के दौरान भाजपा ने बंगाल से दो सीटें जीती थीं–आसनसोल और दार्जिलिंग की।
मालदा के आसपास उत्तर बंगाल की आठ लोकसभा सीटें हैं–कूच बिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा। इनमें से 4 तृणमूल कांग्रेस के पास है, जबकि दो कांग्रेस के पास। एक-एक सीट भाजपा और सीपीएम के पास है। इन आठ जिलों की खासियत ये है कि ये बिहार, झारखंड, असम और सिक्किम के अलावा नेपाल और भूटान की सीमा से भी लगे हैं। भाजपा इन इलाकों में अपनी स्थिति को मजबूत करने और बंगाल में अपनी सीटें बढ़ाने की कोशिश में लगी है।
पिछली बार भाजपा ने बंगाल में अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दो लोकसभा सीटें जीती थी। आज की सभा के बाद अमित शाह 23 जनवरी को झारग्राम और बीरभूम में रैली करेेंगे. तो वहीं 24 जनवरी को नादिया और दक्षिण 24 परगना में रैली को संबोधित करेंगे।