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नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर किए प्रहार, बोले- वायदों से मुकरना आपके लिए तबाही न बन जाए…

रायपुर. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने शराबबंदी को लेकर सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि शराबबंदी के नाम पर महिलाओं ने खुलकर कांग्रेस को वोट दिया थे, लेकिन सरकार बनी तो सबसे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया कि शराबबंदी को लेकर कमेटी बनाई जाएगी. कमेटी परीक्षण करेगी. सरकार इतनी जल्दी तो वादाखिलाफी न करे.

कौशिक ने चर्चा में कहा कि राज्य में शराब बीजेपी की देन नहीं है. कांग्रेस ने पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सत्ता पाई है. लेकिन सरकार बनने के बाद जारी आदेश में विदेशी मदिरा के नए ब्रांड के पंजीयन का आदेश जारी किया जा रहा है. एक तरफ पूर्ण शराबबंदी की बात होती है, दूसरी तरफ आदेश जारी होता है कि शराब के ब्रांड के लिए कोटेशन डालिए. बीजेपी सरकार में जिस कोचिया प्रथा को हमने बन्द किया, उसे एक बार फिर शुरू किए जाने की कोशिश हो रही है.

 

चिटफंड कंपनियों से पैसा वसूली का ब्लूप्रिंट सामने नहीं आया

उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या लाखों में है. हजारों करोड़ लोगों ने कंपनियों ने निवेश किया है. आज भी पैसा वापस नहीं हुआ है. पिछली सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस दिलाने के लिए सख्त कदम उठाया. कई कंपनियों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर किया गया, लेकिन पैसा वापस नहीं हुआ. कांग्रेस ने चिटफंड कम्पनी में निवेशकों का पैसा वापस दिलाने में लिए घोषणा पत्र में वादा किया था. हमने उम्मीद की थी कि अनुपूरक बजट में निवेशकों के पैसों को लेकर प्रावधान होगा. राज्यपाल के अभिभाषण में ब्लूप्रिंट नजर आएगा कि राशि की वापसी को लेकर क्या नीति है, लेकिन ये नजर नहीं आया. जनता के मन में अविश्वास की भावना बढ़ रही है.

नक्सल समस्या खत्म करने होना चाहिए सकारात्मक प्रयास

मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार के कैबिनेट मंत्री को घर से निकालकर नक्सलियों ने मार दिया था, उस वक़्त की सरकार यदि नक्सलवाद को लेकर कोई ठोस नीति बनाई गई होती, तो आज ये हालात नहीं बनते. नक्सलवाद हमें मध्यप्रदेश से विरासत में मिला है. रमन सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने कारगर पहल की थी. बस्तर विकास के काम शुरू हुए. शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की दिशा में काम किया. ये विषय गंभीर समस्या है. इस समस्या को खत्म करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास होने चाहिए.

ढिंढोरा पिटने की बजाए किसानों को हर तरह के कर्ज से दिलाएं मुक्ति

कर्ज माफी को लेकर ढिंढोरा पीटा गया. किसानों के ऊपर जो भी कर्ज है. ऐसे कर्ज को लेकर पूरा आंकलन आना चाहिए. छत्तीसगढ़ के किसानों के हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलनी चाहिए. नवागढ़ केरा के पास अभी किसान चक्काजाम कर रहे हैं. धान खरीदी में कई तरह की दिक्कत है. हम पहले ही आगाह कर चुके किसान के साथ अन्याय न हो. किसानों की कई समस्याएं हैं उनको सुविधा हो इसके लिए आसन्दी से निर्देश दिया जाए.

बिजली बिल को लेकर अब तक कोई नीति नजर नहीं आई

बिजली बिल को लेकर अब तक कोई नीति नजर नहीं आ रही है. लोगों ने अपना बिजली बिल पटाना बंद कर दिया है. कहीं ऐसा न हो जाये कि इससे राज्य में अराजकता की स्थिति बन जाए. तत्काल स्थिति को स्पष्ट करने की जरूरत है. विकास के जो काम चल रहे पारदर्शिता से काम होना चाहिए. इस सरकार ने 5 से 20 लाख के बीच जो ई टेंडर होता था, उसे बन्द कर दिया. अब निविदा भरने का आदेश हो गया है. पहले जो समस्या आती थी वही आएगी. महत्वपूर्ण कामों पर सरकार का ध्यान नहीं है. ऑनलाइन निविदा बन्द करने का मकसद भ्र्ष्टाचार को फिर शुरू करना है.

फरार अभियुक्त के आवेदन पर किया SIT का गठन

देश में सबसे दुर्भाग्यजनक घटना SIT का गठन है.  जिस अधिकारी के चाल चरित्र पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उसकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी.  पत्र में सब वर्णन है, और आज वही अधिकारी प्रिय हो गए. और जो अभियुक्त है फरार है उसके आवेदन पर SIT का गठन करना, आखिर सरकार कहां जा रही है. UPA की सरकार के समय जहां NIA की जांच शुरू हुई उसमें अब SIT बना रहे जो न्यायालय में चल रहा. न्यायालय और अपनी पार्टी के लोगों का तो सम्मान करें.

संविदाकर्मियों – देवेभो की अपेक्षाओं का जिक्र नहीं

अम्बिकापुर में कांग्रेस नेता के बेटे ने दुष्कर्म किया और उसको बचाने की कोशिश होने लगी, ऐसा संरक्षण देना बंद करें. संविदाकर्मियों दैनिक वेतनभोगी के मुद्दे हैं. यदि आपने घोषणा पत्र में जारी किया तो अपेक्षाएं बढ़ी हैं उनका पालन हो. पहले दिन जो सरकार के आदेश जारी हुए और उससे जो स्थिति बन रही है आपने लोगों की अपेक्षाएं जगाई हैं. उन पर काम करने की जगह अभिभाषण में उनका जिक्र नहीं. अपने वायदों से मुकरना आपके लिए तबाही न बन जाए

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