छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से पहले शराबबंदी को मुख्य मुद्दा बनाते हुए अपने घोषणा पत्र में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने की घोषणा की थी, लेकिन विगत तीन वर्षों में इसपर अमल नही किया गया। इसके उलट अब छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में नई शराब दुकान खोलने की योजना बना रही है जिसका चारों ओर विरोध किया जा रहा है।
कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री और कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता से छल कर रही है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के लिए हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाई थी, लेकिन तीन वर्षों में शराबबंदी तो दूर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी शराब दुकान खोलने की योजना बना रही है जो कि निंदनीय है। प्रदेश के विकास कार्यों के उलट नशा परोसने का काम में तेज़ी लाना मानो छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता हो गयी है।
भावना बोहरा ने कहा कि आबकारी विभाग अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए नए शराब दुकान खोलने की बात कर रही है जो कि तर्क विहीन है।अवैध जुआ-सट्टा व शराब बिक्री को रोकने में विफल प्रशासन अपनी नाकामी को छुपाने का प्रयास कर रही है और अवैध कारोबार को वैध बनाने के लिए ऐसे बेतुके तर्क दे रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकान खोलने के लिए पंचायतों से एनओसी लेने की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए स्थानीय ठेकेदार आबकारी विभाग के अधिकारियों और पंचायतों पर दबाव बना रहे हैं और उन्हें डराने व धमकाने का प्रयास कर रहें हैं। कबीरधाम जिला अंतर्गत सरकार की मंशा सहसपुर लोहरा में शराब दुकान खोलने की है जिसका 90 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण और महिलाएं इसका घोर विरोध कर रही हैं यदि ऐसे में सरकार शराब दुकान खोलने का प्रयास करती है तो हम उसका पुरजोर विरोध करेंगे।वर्तमान में सहपुर लोहारा क्षेत्र में लाखों का जुआ-सट्टा सरेआम चल रहा है, अवैध शराब बिक्री भी जोरों पर हैं लेकिन राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन मौन है जिसके चलते अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हो रहें हैं।
शराब के कारण रोजाना न जाने कितने परिवार बर्बाद हो रहें हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकान खोलने को लेकर पंचायत व पंचायत सचिव इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ को कर्ज के बोझ तले दबाने वाली राज्य सरकार राजस्व कमाने के चक्कर मे प्रदेश में नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश की महिलाओं ने राज्य सरकार के शराबबंदी के वादे को लेकर भरोसा जताया था और वोट दिया था लेकिन प्रदेश की सरकार आज उनकी भावनाओं के साथ खेल रही है। केवल अपने मुनाफे के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की बजाय युवाओं को नशाखोरी के लिए प्रेरित लड़ने का काम कर रही है जिसकी जितनी विभत्सना कि जाय वह कम है।
भावना बोहरा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आने के बाद से आपराधिक मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। सरेआम चाकू बाजी, लूट, हत्या जैसे गंभीर अपराध हो रहें हैं। जुआ-सट्टा, महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ रहे हैं, इन आपराधिक गतिविधियों को रोकने के बजाय राज्य सरकार प्रदेश में नशे के कारोबार को बढ़ाने की चिंता कर रही है। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकान खोली जाती हैं तो यह सभी दृश्य भी ग्रामीण क्षेत्रों में आम हो जाएंगे। मैं राज्य सरकार से कहना चाहती हूं कि यदि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकानें खोलने का प्रयास करती है तो गांव की हर महिला और भारतीय जनता पार्टी का हर कार्यकर्ता इसका पुरजोर विरोध करेगा।