गांव की महिलाओं ने अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ्य जीवन के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण आहार को अपनाया
कवर्धा l 07 दिसम्बर 2020। कबीरधाम जिले की आदिवासी-बैगा बाहुल्य बोडला विकासखण्ड के सुदूर और वनांचल क्षेत्र की महिलाओं ने आज एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से जंग जीत ली है। वनांचल और गांव में रहने वाली पार्वती, सरोज, लक्ष्मी, और प्रियंकेष ने एनीमिया को हराने के लिए संतुलित और प्रोटिन, विटामिन और वसा से परिपूर्ण सुपोषण आहार को अपनाया। गांव की यह महिलाएं महज एक माह में ही एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी को पीछे छोड़कर आज अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ्य जीवन के बीच खुशहाल जिंदगी जी रही है। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सही समय में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का सहारा मिलने से आज अपने परिवार के बीच एक खुशहाल और आंनद की जिंदगी जी रहे है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान हमारे जीवन में ढाल बन कर एनीमिया को हारने में हमारी मदद की।
दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त प्रदेश बनाने के लिए 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। इस योजना में शून्य से 5 वर्ष के कुपोषित, एनीमिक बच्चे और 15 से 49 आयुवर्ग की एनीमिक महिलाओं को कुपोषण व एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया। वजन त्यौहार के आधार जिले में 19.56 प्रतिशत बच्चे कुपोषित है। जिले को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संकल्प अनुसार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के शुरूआत होने के महज 11 माह के अंदर ही इस योजना का सूखद असर देने को मिल रहा है। कबीरधाम जिले के बैगा-आदिवासी बाहुल्य बोडला विकासखण्ड के ग्राम चिल्फी आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज सीवियर एनीमिक महिला श्रीमती लक्ष्मी पनेका ने सुपोषण अभियान से जुड़ कर एनीमिया को हरा दी है। फरवरी में लक्ष्मी के शरीर में रक्त में हिमोग्लोबिन 7 ग्राम था, जो कि सीवियर एनीमिक श्रेणी में शामिल थी, महिला को आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में दर्ज कर योजना की जानकारी दी और आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन गरम भोजन खाने के लिए बुलाया गया। लक्ष्मी प्रतिदिन आंगनबाड़ी आकर गरम भोजन खाने लगी, खाने में प्रतिदिन रोटी, दाल, चांवल, रसेदार सब्जी, हरी सब्जी, अचार, पापड़ सलाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के दिया गया। साथ ही पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा दिवस पर प्रतिमाह नियमित जांच व परामर्श तथा आयरन फोलिक एसिड की गोलियां खाने के लिए दी गई। लॉकडाउन तथा कोरोना संक्रमण काल में भी लक्ष्मी को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् सूखा राशन का वितरण किया गया व कार्यकर्ता के व्दारा नियमित गृहभेंट की गई। इस प्रकार लक्ष्मी की सेहत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा और उसका हिमोग्लोबिन स्तर बढ़ता चला गया। आज की स्थिति में लक्ष्मी के रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा 11 ग्राम से अधिक हो गई है, इस प्रकार मुख्यमंत्री सुपोषण योजना लक्ष्मी को एनीमिया मुक्त करने में कारगर साबित हुई।
जिले के आदिवासी बैगा बाहुल्य बोड़ला विकासखण्ड के मिनमिनीया मैदान में महिलाओं का हिमोग्लोबिन जांच किया गया। इस दौरान ग्राम मण्डलाटोला की तीन महिलाएं कुमारी होली झारिया (किशोरी बालिका), पार्वती झारिया, सरोज वर्मा और ग्राम खैरबनाखुर्द से प्रियंकेष मानिकपुरी का हिमोग्लोबिन 8 ग्राम से कम आया, ये महिलाएं भी सीवियर एनीमिक श्रेणी में थी। इसी प्रकार 3 फरवरी 2020 से चारों महिलाओं को नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत दर्ज कर योजना की जानकारी दी गई। सभी सीवियर एनीमिक महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन गरम भोजन खाने के लिए बुलाया गया। सभी प्रतिदिन आंगनबाड़ी आकर गरम भोजन खाने लगी, खाने में प्रतिदिन रोटी, दाल, चांवल, रसेदार सब्जी, हरी सब्जी, अचार, पापड़ सलाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के व्दारा खिलाया जाने लगा। साथ ही पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा दिवस पर प्रतिमाह नियमित जांच व परामर्श तथा आयरन फोलिक एसिड की गोलियां खाने के लिए दी गई। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण काल में भी लक्ष्मी को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् सूखा राशन का वितरण किया गया व कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक के द्वारा नियमित गृहभेंट की गई। इस प्रकार नियमित अनुश्रवण से महिलाओं के रक्त में हिमोग्लोबिन स्तर बढ़ने लगा और वह स्वस्थ्य है।