कवर्धा । 12 नवंबर 2020। आयुर्वेद के आदिदेव भगवान धन्वन्तरि के अवतरण दिवस धन्वन्तरी जयन्ती को पिछले पांच वर्षों से आयुर्वेद दिवस के रुप में मनाया जाता है। आयुर्वेद विज्ञान विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। जड़ी-बूटियों एवं प्राकृतिक खनिज पदार्थां से बनाए जाने वाली निरापद दवाओं का समय अनुसार विकास होता रहा है। आज की विश्व व्यापी कोविड-19, कोरोना वायरस पर भी विभिन्न स्तर पर आयुर्वेद की दवाओं का अच्छा परिणाम प्राप्त हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा इस बिमारी पर आयुर्वेद दवाओं की संभावित उपयोगिता देखते हुए ही देशवासियों को इस बिमारी से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेद दवाओं की अनुसंशा की थी, जिसका अच्छा परिणाम भी प्राप्त हुआ है। इस बिमारी से बचने के लिए विशेषज्ञों ने जिस व्याधिक्षमत्व की आवश्यकता का महत्व बताया है। उसकी प्राप्ति में आयुर्वेद के सिद्धांत, औषधियां एवं जीवनशैली अत्यंत लाभकारी है। भारतीय जनमानस में इस बिमारी का कम घातक पाया जाना भी भारतीय जीवनशैली का आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित होना माना जा रहा है। अनेंक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जैसे हल्दी, गिलोय, सांठ, पिप्पली काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी, अडूसा, चिरायता, अश्वगंधा आदि के योगों का कोविड-19 बीमारी पर असरकारी प्रभाव प्राप्त हुआ है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ के.पी. चौरसिया ने बताया कि गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं दक्षिण भारत के अनेक राज्यों ने कोविड से बचाव एवं अल्प लक्षण वाले रोगियों के इलाज के लिए इसका उपयोग किया है। छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने भी कोविड-19 के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की अनुसंशा की हैं तथा इस बिमारी से लड़ने में आयुष विभाग के चिकित्सक भी प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ सेवा प्रदान कर रहे हैं।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. सुदेश तिवारी ने बताया कि वायरस जनित इस बिमारी की जल्दी जांच होने पर अल्प लक्षण वाली स्थिति में आयुर्वेदिक दवाऐं अत्यंत प्रभावकारी साबित हो रही है जनसामान्य को अपने व्यवहार में ऐसे परिवर्तन लाने चाहिए, जिससे रोग का फैलाव कम हो, जैसे शारीरिक दूरी बनाना, हाथों का निरंतर विसंक्रमण करना, फेस मास्क का प्रयोग करना, अनावश्यक भीड़ से बचना, संदेह होने पर तुरंत कोरोना जांच कराना, भोजन में हल्दी, जीरा, अदरक आदि मसालों का भरपूर प्रयोग करना, प्रतिदिन व्यायाम एवं योगाभ्यास करना। राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में आयुष विभाग द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए 13 नवंबर को कवर्धा शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर जनसामान्य को आयुष काढ़ा पिलाने एवं रोगप्रतिरोधक आयुर्वेदिक उपाय संबंधित पाम्प्लेट वितरण का कार्य किया जाएगा। कोविड़ 19 महामारी पर आयुर्वेद की उपयोगिता विषय पर एक वेबिनार भी आयोजित किया जाएगा।