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नरवा विकास योजना में कबीरधाम जिले के 49 नाला होगा उपचारित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से निर्माण कार्यों का शुभारंभ किया

रायपुर l 09 अक्टूबर 2020। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा मद के वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत कार्यों में 209 करोड़ रूपए की राशि से बनने वाले भू-जल संरक्षण और संवर्धन से संबंधित संरचनाओं के निर्माण का शुभारंभ किया। इन कार्यों में कैम्पा मद से प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व, 2 नेशनल पार्क और 1 एलीफेंट रिजर्व के 151 नालों में नरवा विकास के कार्य किए जाएंगे। कबीरधाम जिले में नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2020-21 में  कवर्धा वनमंडल के 25 नालों को 14 करोड़ 34 लाख रूपए से उपचारित किया जाएगा। इसी प्रकार जिला पंचायत से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत के तहत 24 नालों को उपचारित किया जाएगा।

वन मंत्री  मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रदेश में कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 137 नरवा का चयन कर 160.95 करोड़ रूपए की लागत से 31 वन मंडल, एक राष्ट्रीय उद्यान, दो टाइगर रिजर्व, एक एलीफेंट रिजर्व, एक सामाजिक वानिकी क्षेत्र में कुल 12 लाख 56 हजार भू-जल संरचनाओं में से 10 लाख 77 हजार संरचनाएं निर्मित की जा चुकी है। इस प्रकार 86 प्रतिशत कार्य पूर्ण किए गए। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में नरवा विकास योजना के तहत 209 करोड़ रूपए की लागत से 12 लाख 64 हजार भू-जल संवर्धन संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। कैम्पा मद के तहत वर्ष 2019-20 और 2020-21 में स्वीकृत कार्यों से लगभग 370 करोड़ रूपए की राशि से 25 लाख से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा। इससे 313 जल ग्रहण क्षेत्र के एक हजार 995 नालों में स्टॉपडेम, चेकडेम, ग्लीप्लग, डाईक, लूज बोल्डर चेकडेम आदि संरचनाओं से 7 लाख 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र उपचारित होगा। कबीरधाम जिले में नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2020-21 में कवर्धा वन मंडल के 25 नालों को 14 करोड़ 34 लाख रूपए से उपचारित किया जाएगा। इसी प्रकार जिला पंचायत से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत के तहत 24 नालों को उपचारित किया जाएगा।

वनमंडलधिकारी   दिलराज प्रभाकर ने बताया कि मुख्यमंत्री  बघेल द्वारा ऑनलाईन वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कबीरधाम के जामझोरी नाला का नरवा योजना अंतर्गत शुभारंभ किया गया। नाले की कुल लंबाई 14.51 किमी, जिसमें से 8.86 किमी राजस्व क्षेत्र तथा 5.65 किमी वन क्षेत्र पड़ता है। कुल 12 स्ट्रीम अलग-अलग दिशाओं से आकर इस नाला में जुड़ती हैं। इस नाले का उद्गम कोटनापानी पहाड़ी क्षेत्र से होता है, जो आगे चलकर 6 गांवों से होता हुआ गुडली गांव के पास हॉफ नदी में मिल जाता है। जामझोरी नाला में राजस्व क्षेत्र में मनरेगा मद से 32 संरचनाएं बनाई जाएंगी, जिसकी लागत 80 लाख रूपए होगी तथा वन विभाग द्वारा कैंपा मद से वन क्षेत्र में 111 संरचनाएं बनाई जाएंगी जिनकी लागत 96.88 लाख रूपए होगी। कुल जल संग्रहण का क्षेत्रफल 1514 रहेगा, जिसमें 1255 परिवार लाभांवित होंगे। इस क्षेत्र में फलदार पौधों का वृक्षारोपण किया जाएगा। सिंचाई, रिचार्ज तथा जमीन के नीचे का पानी (ग्राउंड वाटर टेबल) बढ़ने से जहां ग्रामीण अब तक मात्र एक फसल लेते हैं, वहां पर दो से तीन फसलौं की बढ़ोतरी होगी। निस्तार, पेयजल तथा भूमि में नमी की बढ़ने की संभावनाएं बनेंगी। जामझोरी नाला के नजदीकी क्षेत्र में 42 व्यक्तियों को 48.66 हेक्टेयर वन भूमि पर वन अधिकार मान्यता अधिनियम अंतर्गत व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र भी शासन द्वारा वितरित किए गए हैं। साथ ही बोड़ला ब्लॉक में जिला स्तरीय वन अधिकार मान्यता समिति द्वारा अब तक 418 सामुदायिक वन अधिकार पत्र तथा 10 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पत्र भी पात्र पाए जाने पर जारी किए हैं।
वन विभाग, कवर्धा वन मंडल, जिला कबीरधाम द्वारा इस वित्तीय वर्ष में कुल 25 नाला नरवा योजना अंतर्गत चयन किए गए हैं, जिनकी कुल लंबाई 179.94 किलोमीटर है। इन नालों पर 3054 संरचनाएं बनाए जाएंगे, जिनकी लागत 14 करोड़ रुपए रहेगी तथा इस योजना के क्रियान्वयन के बाद कुल जल ग्रहण का क्षेत्रफल 32092 हेक्टेयर होगा। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में कैंपा मद से वन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1092 नाला नरवा योजना अंतर्गत लिए गए हैं, जिनकी लागत 210 करोड रुपए है। इन चयनित नालों पर 1270917 संरचनाएं बनाए जाएंगे तथा जल संग्रहण क्षेत्रफल 429208 हैक्टेयर रहेगा। यह नाले 311378 हैक्टेयर वन क्षेत्र को हरा भरा करने में सकारात्मक रूप से भूमिका निभायेंगे।



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