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कलेक्टर ने दशहरा उत्सव समिति एवं नागरिकों की बैठक ली, दशहरा में राणव पुतला दहन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी

कवर्धा | 03 अक्टूबर 2020। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कोविड-19 कोरोना वायरस से रोकथाम-नियंत्रण तथा उनके संक्रमण के बचाव को विशेष ध्यान में रखते हुए आज यहां जिला कार्यालय के सभा कक्ष में दशहरा और रावण पुतला दहन उत्सव समिति एवं आयोजन समितियों की बैठक ली। कलेक्टर  शर्मा ने कहा कि केन्द्र अथवा राज्य शासन द्वारा कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम व नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे है। जिले में जिस गति से इसका संक्रमण को प्रभाव देखने को मिल रहा है, इससे हम सबको सजग, संयम, सावधानी और सतर्क रहने की आवश्यकता है। कलेकटर ने जिले के प्रमुख दशहरा उत्सव एवं रावण पुतला दहन समिति और आयोजकों की बैठक लेकर कोरोना वायरस से संक्रमण को देखते हुए आवश्यक सुझाव मांगे।

बैठक में उपस्थित दशहरा उत्सव समिति ने कहा कि कोरोना वायरस के रोकथाम और उनके संक्रमण से बचाव के लिए शासन-प्रशासन द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने कलेक्टर को अवगत कराया कि कवर्धा शहर में प्रत्येक नवरात्रि के महाअष्ठमी की रात्रि में धार्मिक आस्था एवं प्राचीन परम्परा का निर्वहन करते हुए खप्पर निकाला जाता है। पर्व में चैत्र नवरात्र पर्व पर इस पंरम्परा का निर्वहन किया गया था, इस संबंध जिला प्रशासन के निर्देशों के तहत मंदिर समितियों की बैठक एवं चर्चानुसार कोविड के संक्रमण के रोकथाम के लिए मंदिर परिसर में ही खप्पर निकाला गया था। कलेक्टर ने कहा कि इस संबंध में अलग से बैठक आहूत की जाएगी और सुझावां के तहत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। बैठक में पूर्व विधायक योगेश्वर राज सिंह, कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, एसडीएम  विपुल गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर  अनिल सिदार एवं शहर के गणमान्य नागरिक ईश्वर शरण वैष्णव, संतोष यादव, मुकुंद माधव कश्यप, देवी चंद, कमलकांत सहित आदि गणमान्य नागरिक एवं दशहरा उत्सव समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।  

कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने दशहरा एव ंरावण दहन उत्सव समिति के सुझाव के बाद दशहरा उत्सव एव रावण पुतला दहन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जारी दिशा-दिशा निर्देश में कहा गया है कि रावण के पुतलों की ऊंचाई 10 फिट से अधिक नहीं होने चाहिए।पुतला दहन किसी बस्ती रहवासी इलाके में न किए किए जाए। पुतला दहन खुले स्थान पर किया होगा। पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी हाल में 50 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होने चाहिए। आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होंगें। अनावश्यक भीड़ एकत्रित नहीं होने देने की जिम्मेदारी आयोजको की होगी। कार्यक्रम का यथासंभव ऑनलाईन माध्यमों आदि से प्रसारण जाना ज्यादा अच्छा होगा। पुतला दहन के दौरान आयोजन का वीडियोग्राफी कराया जाए तथा आयोजक एक रजिस्टर संधारित करना होगा। पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जाएगा। आयोजन करने वाले व्यक्ति अथवा समिति चार सीसीटीवी लगाएगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। प्रत्येक समिति, आयोजक को समय पहले सोशल मीडिया में यह जानकारी देना होगा कि कोविड-19 कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से किया जाएगा। पुतला दहन में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना और समय- समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्यतः बेरिकेटिंग कराया जाएं। आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद् यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे धुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी। रावण पुतला दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सैनेटाइजर थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवास एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति अथवा आयोजक समिति की होगी। कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्नि शमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्यतः किया जाना होगा। आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन किया जाएगा। किसी प्रकार का यातायात बाधित नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाए। आयोजन के दौरान एन.जी.टी. व शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार, माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना होगा, नियमों के उल्लंघन करने पर समिति अथवा आयोजक की जिम्मेदार होगी। यदि कोई व्यक्ति जो पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन आयोजकों अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेन्मेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी।

यदि पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के बाद उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल कार्यक्रम निरस्त माना जाएगा एवं कंटेन्मेंट जोन के समस्त निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। एक आयोजन स्थल से दूसरे आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम नही होने चाहिए। आयोजन स्थल के लिए पहले आओ पहले पाओ नीति के तहत् पहले प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन सभी शर्तां के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 04 जून, 2020 के अंतर्गत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। उपरोक्त दिए गऐ किसी शर्तां का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार के अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी जिनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। उपरोक्त शर्तां के अधीन 10 दिवस के पूर्व संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा और अनुमति प्राप्त होने के बाद ही पुतला दहन की अनुमति होगी। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी।



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