कवर्धा। विख्यात भागवताचार्य एवं दर्शनाचार्य पंडित शिवकुमार शास्त्री जी को धर्मसंघ, पीठ परिषद, आदित्यवाहिनी एवम आनंदवाहिनी की ओर से श्रद्धांजलि दी गई है।
पीठपरिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम प्रदेशाध्यक्ष आचार्य पण्डित झम्मन प्रसाद शास्त्रीजी ने अपने शोक संदेश में कहा कि पण्डित शिवकुमार शास्त्री जी अत्यंत सरल स्वभाव एवम आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे। वे धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के शिष्य व जगद्गुरु शंकराचार्य परम्परा के प्रति अत्यन्त निष्ठावान थे।
भागवत कथावाचक के रूप में दूर दूर तक उनकी ख्याति थी। कथावाचक होने के साथ साथ वे वैदिक कर्मकाण्डी थे। वे पीठपरिषद आदित्यवाहिनी आनंदवाहिनी संस्था के मार्गदर्शक भी थे। उनके द्वारा संस्था के प्रत्येक धार्मिक आयोजनों एवं सेवा प्रकल्पों में न केवल मार्गदर्शन प्रदान किया जाता था बल्कि वे स्वयं प्रत्येक आयोजनों में प्रत्यक्ष उपस्थित होकर आशीष भी प्रदान करते थे। हम लोगों के प्रति उनका अत्यधिक स्नेह था। उनकी प्रेरणा से ही उनके सुपुत्र श्रीमारूतिशरण शर्मा भी आदित्यवाहिनी संस्था से जुड़कर विविध प्रकल्पों में लगातार आस्थापूर्वक सेवा देते आ रहे हैं तथा पूर्व में संस्था के जिलाध्यक्ष पद का भी दक्षतापूर्वक निर्वाह कर चुके हैं। पण्डित शिवकुमार शास्त्री जी का जाना संस्था के साथ-साथ पूरे क्षेत्र वासियों के लिए एक अपूर्णनीय क्षति है।
पीठपरिषद आदित्यवाहिनी आनंदवाहिनी की जिला कबीरधाम इकाई के द्वारा पण्डित शिवकुमार शास्त्री जी को श्रद्धासुमन समर्पित करते हुए उनकी शान्ति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की गई साथ ही वे उनके शोक-संतप्त परिजनों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें, ऐसी कामना की गई। इस अवसर पर नेतराम गुप्ता, संतोष ठाकुर, अवधेशनन्दन श्रीवास्तव, नारायण गुप्ता, भोला प्रसाद तिवारी, कमलकांत रूसिया, शिव अग्रवाल, सुरेश गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, आशीष दुबे, कोमलसिंह राजपूत, दानेंद्र पुरी गोस्वामी, कुलेश्वरसिंह, सुरेंद्र सिंह, जय सोनी इत्यादि सदस्यों ने स्वर्गस्थ आत्मा को श्रद्धांजलि दी है।