कवर्धा | 07 जुलाई 2020। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए सिंचित धान का आठ सौ 90 रूपए में 44 हजार 500 रूपए, सात सौ 30 रूपये में असिंचित धान का 36 हजार 500 रूपए, अरहर पांच सौ पांच रूपए में 25 हजार दौ सौ 50 रूपए तथा सोयाबीन का सात सौ रूपए में 35 हजार रूपए का बीमा होगा। बैंकों, चैंप्स और कृषि विभाग के अधिकारियो तथा कार्यालय में संपर्क कर फसलों का बीमा कराने कलेक्टर की अपील। चालू खरीफ मौसम में धान सहित अरहर, सोयाबीन की फसलों का बीमा 15 जुलाई तक किया जायेगा।
कृषि विभाग के उप संचालक मोरध्वज डडसेना ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस वर्ष ऋणी, अऋणी सभी किसानों के लिए यह फसल बीमा ऐच्छिक कर दिया गया है। खरीफ फसलों के लिए किसान द्वारा देय प्रीमियम दर बीमित राशि का 2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस वर्ष धान यसिंचित पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 44 हजार पांच सौ रूपए होगी, जिसके लिए किसान को 890 रूपये प्रीमियम देना होगा। धान असिंचित पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 36 हजार 500 रूपए होगी और बीमा प्रीमियम सात सौ 30 रूपये निर्धारित किया गया है। इसी तरह अरहर में 25 हजार 250 रुपए का बीमा 505 रुपए तथा सोयाबीन फसल का 35 हजार रुपए का बीमा 700 रुपए में होगा। इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंश कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान निकटतम बैंक, सहकारी समिति, कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते है।
ऋणी किसान जो फसल बीमा योजना में शामिल नही होना चाहते, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी घोषणा पत्र खरीफ फसल के लिये आठ जुलाई तक संबंधित संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। किसानों को बीमा कराने हेतु बी-1 की छायाप्रति, पहचान पत्र, आधार कार्ड एवं बैक खाते के पासबुक की छायाप्रति, किसान पहचान पत्र की छायाप्रति एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने इस फसल बीमा योजना का लाभ उठाने किसानों से अपील करते हुये कहा है कि वे नजदीकी बैंक एवं सहकारी समितियों से संपर्क कर फसल बीमा जरूर कराएं। बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं में बुआई, रोपण नहीं होने पर हानि से यह बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा। इसके अलावा गैर बाधित जोखिम जैसे सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट व्याधि, भूस्खलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटनाए, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत् जोखिम बीमा दिया जाएगा। यह बीमा आच्छादन अधिसूचित फसलों के कटाई के बाद अधिकतम दो सप्ताह 14 दिन के लिए चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा और बेमौसम वर्षा के मामले में दिया जाएगा, जिन्हें फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ा गया हो। अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषक भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भूस्खलन और जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले क्षति से भी यह सुरक्षा प्रदान करेगा। इस संबंध में बताया गया है कि युद्ध, नाभिकीय जोखिमों से होने वाली हानियों, दुर्भावनाजनित क्षतियों और निवारणीय जोखिमों को इस बीमा आवरण में शामिल नहीं किया गया है।
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