कवर्धा :- कबीरधाम जिले के सुदूर और दुर्गम पहाड़ी इलाको में रहने वाले के लिए “बाइक एम्बुलेंस” बरदान साबित हो रही है। कबीरधाम कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने इस बाइक एम्बुलेंस को चला कर देखा। स्वास्थ्य विभाग के अमले ने बताया की बाइक एम्बुलेंस आने के बाद ‘संस्थागत प्रसव” में इजाफा हुआ है। लिहाजा इससे शिशु मातृत्व मृत्यु दर में कमी भी आई है। कवर्धा जिला मुख्यालय से यह सुदूर वनांचल क्षेत्र 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ अतिपिछड़ी जनजाति “बैगा समुदाय” निवास करते है।
कलेक्टर ने स्वयं ड्राइव्ह कर देखी बाइक एम्बुलेंस की स्थिति
जिले के सुदूर वनांचल में स्वास्थ्य सेवाओं को सरलता से जन सामान्य तक पहुचाने के उद्देश्य से संचालित बाइक एम्बुलेंस सेवाओं के सम्बंध में गत दिनों कबीरधाम जिला कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने जानकारी ली। बैठक के सम्बंध में अन्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ कलेक्टर दलदली पहुचे थे, इसी बीच उन्होंने स्वयं बाइक एम्बुलेंस ड्राइव्ह कर उसकी स्थिति का मुआयना भी किया। उन्होंने बाइक एम्बुलेंस सेवाओं को सुचारू रखकर अधिक से अधिक लाभ जनता को पहुचाने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग के सम्बन्धितों को दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिले के तीन क्षेत्रों कुकदूर, बोक्करखार और दलदली में बाइक एम्बुलेंस की सेवाएं पूर्व से संचालित थी, बाद में उपयोगिता को देखते हुए छीरपानी और झलमला में भी इसकी शुरुआत की गई। बाइक एम्बुलेंस सेवा से सबसे ज्यादा लाभ गर्भवतियों को मिल रहा है। प्रसव पूर्व जांच के लिए हो या प्रसव सेवा के लिए हो,बाइक एम्बुलेंस की तत्परता से सेवा मिलने से लोग सन्तुष्ट हैं। गर्भवतियों के अतिरिक्त बाइक एम्बुलेंस की सेवा एमरजेंसी प्रकरणों को भी प्रदान की जा रही है। राहत की बात यह है कि जिन क्षेत्रों में चार पहिया वाहन नही पहुच सकते वहां ये बाइक एम्बुलेंस पहुचकर सेवा देने में सक्षम हैं।