प्रवासी श्रमिकों के सफर का दर्द जिसे अल्फाजों में बयां नहीं किया जा सकता है, भोपालवासियों ने उसे महसूस किया और मदद को आगे आए। चिलचिलाती धूप और तपती सड़कों पर इंसानियत को नंगे पैरों झुलसते देखा तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। देखते ही देखते जनता ने हजारों जोड़ी जूते-चप्पल मुहैया करा दिए। गमछे, कैप, मास्क, खाना, पानी की बोतलें, जिससे जो बन पड़ा दिया और दे रहा है।
सीमाई चेक पोस्टों पर स्टाल लगाकर नगर निगम यह सारा सहायक सामान श्रमिकों को देते चल रहा है। हफ्तेभर में लोगों ने 30 हजार जोड़ी जूते-चप्पल दान कर दिए हैं। भोपाल नगर निगम ने शहरी सीमा पर नौ चेक पोस्ट बनाए हैं। यहां मजदूरों को भोजन, पानी मुहैया कराया जा रहा था। इस दौरान जब मजदूरों को नंगे पांव निकलते देखा तो निगम ने मजदूरों की मदद के लिए शहरवासियों से अपील की। अपील का बड़ा असर हुआ और हर आमोखास मदद को आगे आया।
निगम के अपर आयुक्त राजेश राठौर ने बताया कि निगम को पर्याप्त सामान लोगों ने उपलब्ध कराया है। संकट के समय में मजदूरों की मदद के लिए लोगों का यह जज्बा काबिलेतारीफ है। कई लोगों ने नए जूते-चप्पल ही दान कर दिए। वार्ड से लेकर जोन कार्यालय तक मदद देने को लोग पहुंच रहे हैं। शहरवासियों ने जूते-चप्पल के अलावा धूप से बचने को अन्य सामान भी दिया है। इसमें आठ हजार से अधिक गमछे, टॉवल, कैप शामिल है। अब तक आठ सौ से ज्यादा छाते मजदूरों को धूप से बचाने को बांटे गए हैं। ढाई हजार से ज्यादा मास्क, चार सौ से अधिक पानी की बोतल, थर्मस और तीन सौ चटाई भी लोगों ने मुहैया कराई हैं।
पैदल सफर कर रहे मजदूरों की अब नगर निगम हर संभव मदद कर पा रहा है। यह सब भोपाल के लोगों के सहयोग से संभव हुआ है, जिन्होंने हजारों की संख्या में जूते-चप्पल व अन्य सहयोगी सामान दान दिया है। भोपालवासियों का यह जच्बा काबिले तारीफ है।